iGrain India - नई दिल्ली । आइसक्रीम एवं कोल्ड ड्रिंक्स निर्माताओं के साथ-साथ कुछ अन्य क्षेत्रों में भी चीनी की मांग एवं खपत के संकेत मिल रहे हैं। चीनी की घरेलू खपत बढ़ गई है जबकि लोकसभा चुनाव की सरगर्मी से भी इसकी मांग बढ़ रही है।
फ़ूड प्रोसेसर्स भी अच्छी मात्रा में चीनी खरीद रहे हैं। यही कारण है कि मई माह के लिए सरकार द्वारा 27 लाख टन चीनी का रिकॉर्ड फ्रीसेल कोटा जारी किए जाने के बावजूद इस मीठी वस्तु की कीमतों में कोई खास नरमी नहीं देखी जा रही है।
व्यापार विश्लेषको के अनुसार अप्रैल में चीनी का एक्स फैक्ट्री भाव 80-90 रुपए की बढ़ोत्तरी के साथ 3750-3850 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया क्योंकि इसकी मांग काफी मजबूत बनी हुई थी।
निकट भविष्य में चीनी के दाम पर कोई खास दबाव पड़ने की संभावना नहीं है। कुछ समीक्षकों का मानना है कि चालू माह (मई) के दौरान चीनी का एक्स-मिल भाव कुछ और बढ़कर 3900-4000 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच सकता है।
उत्तर प्रदेश के एक डीलर के अनुसार पिछले 10-15 दिनों से चीनी के दाम में तेजी-मजबूती का माहौल बना हुआ है। जो अब घट सकता है मगर फिर भी ऐसा लगता है कि कीमतों का स्तर काफी हद तक वर्तमान स्तर के आसपास ही बरकरार रहेगा।
मई के शुरुआती दो सप्ताह तक बाजार में नरमी आना मुश्किल है। मई 2023 में 24 लाख टन तथा अप्रैल 2024 में 25 लाख टन चीनी का फ्री सेल (NS:SAIL) कोटा जारी किया गया था।
इसके मुकाबले 28 मई 2024 में एका एक 27 लाख टन चीनी का मासिक बिक्री कोटा जारी कर दिया गया जो ऐतिहासिक रिकॉर्ड स्तर है।
चुनावी माहौल को ध्यान में रखकर यह विशाल कोटा नियत किया गया है ताकि घरेलू प्रभाग में चीनी की पर्याप्त आपूर्ति एवं उपलब्धता सुनिश्चित हो सके और इसकी कीमतों में तेजी पर अंकुश लग सके।
अप्रैल की तुलना में मई माह के लिए चीनी का फ्री सेल कोटा महाराष्ट्र में 8.6 प्रतिशत बढ़ाकर 10.20 लाख टन तथा उत्तर प्रदेश में 24.4 प्रतिशत बढ़ाकर 9.06 लाख टन निर्धारित किया गया है। मगर कर्नाटक का कोटा 14.2 प्रतिशत घटाकर 3.51 लाख टन नियत किया गया है।