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पीली मटर के आयात की अवधि अक्टूबर तक बढ़ने से निर्यातक देशों को राहत

प्रकाशित 07/05/2024, 07:54 pm
पीली मटर के आयात की अवधि अक्टूबर तक बढ़ने से निर्यातक देशों को राहत

iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने एक तरफ चना के आयात को शुल्क मुक्त कर दिया है तो दूसरी ओर पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात की समय सीमा को भी 31 अक्टूबर 2024 तक बढ़ा दिया है।

इससे देश में दलहनों की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने तथा कीमतों में तेजी पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। पीली मटर के आयात की अवधि में यह तीसरी बढ़ोत्तरी है।

मालूम हो कि सर्वप्रथम दिसम्बर 2023 के प्रथम सप्ताह में इसका आयात खोला गया था तब इसकी समय सीमा 31 मार्च 2024 तक नियत हुई थी जिसे दूसरे चरण में 30 अप्रैल तक और तीसरे चरण में 30 जून तक बढ़ाया गया और अब 31 अक्टूबर 2024 तक बढ़ा दिया गया है। 

पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात की अवधि उस समय बढ़ाई गई है जब कनाडा, रूस, यूक्रेन, अमरीका एवं अन्य निर्यातक देशों में इसकी बिजाई चल रही है।

व्यापार विश्लेषकों का मानना है कि भारत सरकार के इस निर्णय से निर्यातक देशों के किसानों को अपनी बिजाई योजना में कुछ बदलाव करना पड़ सकता है और वे अन्य फसलों के बजाए मटर की खेती को प्राथमिकता दे सकते हैं। भारत कोई छोटा-मोटा आयातक देश नहीं है। 

दिसम्बर 2023 से अप्रैल 2024 के दौरान देश में 15 लाख टन से अधिक पीली मटर का आयात हुआ जबकि 30 जून तक इसकी मात्रा 17-18 लाख टन तक पहुंच जाने का अनुमान लगाया जा रहा था।

दरअसल अभी निर्यातक देशों में मटर की आपूर्ति का ऑफ या लीन सीजन चल रहा है इसलिए वहां निर्यात योग्य स्टॉक सीमित हो गया है।

अगस्त से नए माल की आपूर्ति आरंभ होगी और उसके बाद इसका निर्यात जोर पकड़ेगा। मई-जुलाई के दौरान मटर के आयात की गति धीमी रहेगी। 

भारत में दलहनों का भाव कुछ ऊंचा है और सरकार इसे नीचे या सामान्य स्तर पर लाने का हर संभव प्रयास कर रही है। इसके लिए वह बड़े-बड़े निर्णय लेने से भी नहीं हिचक रही है।

देसी चना के शुल्क मुक्त की आयात की अनुमति देना इसका स्पष्ट उदाहरण है। सरकार का दावा है कि भारत चना के उत्पादन में आत्मनिर्भर है लेकिन फिर भी इसके आयात की आवश्यकता महसूस हो रही है।

चना का आयात मुख्यत: ऑस्ट्रेलिया तथा अफ्रीकी देशों से होने की संभावना है जबकि पीली मात्रा रूस एवं कनाडा से मंगाई जा रही है।

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