नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को बैंकों के विदेशी मुद्रा एक्सपोजर पर दिशानिर्देशों में संशोधन किया, जिसका उद्देश्य उन्हें विदेशी मुद्रा बाजार की अस्थिरता से बचाना है।केंद्रीय बैंक द्वारा शुरू किए गए परिवर्तनों के अनुसार, उधारदाताओं को उन सभी प्रतिपक्षकारों के अनहेज्ड विदेशी मुद्रा एक्सपोजर का आकलन करना होगा, जिनके साथ उनका किसी भी मुद्रा में एक्सपोजर है। आरबीआई ने कहा कि सभी संस्थाओं का विदेशी मुद्रा एक्सपोजर साल में कम से कम एक बार बैंकों द्वारा सुनिश्चित किया जाना चाहिए। संशोधित नियम 1 जनवरी, 2023 से लागू होंगे।
आरबीआई ने कहा, जो संस्थाएं अपने विदेशी मुद्रा एक्सपोजर को हेज नहीं करती हैं, उन्हें विदेशी मुद्रा दरों में भारी उतार-चढ़ाव की अवधि के दौरान महत्वपूर्ण नुकसान हो सकता है। ये नुकसान बैंकिंग प्रणाली से लिए गए ऋणों को चुकाने की उनकी क्षमता को कम कर सकते हैं और उनके डिफॉल्ट की संभावना को बढ़ा सकते हैं, जिससे बैंकिंग प्रणाली पर बुरा असर पड़ सकता है।
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