iGrain India - बंगलौर । कर्नाटक के मध्यवर्ती भाग में अवस्थित ब्यादगी चिली मार्केट में लालमिर्च का भाव लुढ़ककर काफी नीचे आ जाने से उत्पादकों में भारी असंतोष पैदा हो गया है उल्लेखनीय है कि ब्यादगी लालमिर्च को जी आई टैग प्राप्त है।
ब्यादगी थोक मंडी में किसान हंगामा करने के पहले दिन यानी 11 मार्च को ब्यादगी मार्केट में करीब 3.10 लाख बोरी (30 किलो की प्रत्येक बोरी) लालमिर्च की विशाल आवक हुई।
ज्ञात हो कि फरवरी मार्च एवं अप्रैल की तिमाही में वहां लालमिर्च की विशाल आवक हुई। ज्ञात हो कि फरवरी मार्च एवं अप्रैल की तिमाही में वहां लालमिर्च की आपूर्ति का पीक सीजन रहता है जिसे देखते हुए इस विशाल आवक को सामान्य माना जा रहा है।
लेकिन कुछ हाइब्रिड किस्मों के दाम में भारी गिरावट आने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है। समझा जाता है कि मंडी में आने वाली लालमिर्च की क्वालिटी बहुत अच्छी नहीं है।
कीमतों में गिरावट आने से उत्पादकों में रोष इतना ज्यादा बढ़ गया कि उसने कृषि उपज आदि समिति के कार्यालय में तोड़ फोड़ मचा दी और मंडी परिसर में खड़े वाहनों में आग लगा दी।
इस वर्ष ब्यादगी लालमिर्च की कीमतों में नरमी का रुख बना हुआ है। एगमार्क नेट के आंकड़ों के अनुसार डब्बी या मोटी वैरायटी वाली ब्यादगी लालमिर्च का मॉडल मूल्य (जिस पर सर्वाधिक कारोबार होता है) 22 दिसम्बर 2023 को उछलकर 44,000 रुपए प्रति क्विंटल के सीजनल शीर्ष स्तर पर पहुंच गया था लेकिन 5 मार्च 2024 तक आते-आते यह घटकर 35,000 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया।
इसी तरह कड्डी या पतली वैरायटी वाली ब्यादगी लालमिर्च का मॉडल मूल्य समीक्षाधीन अवधि के दौरान 43,000 रुपए प्रति क्विंटल से गिरकर 31,500 रुपए प्रति क्विंटल पर अटक गया।
ब्यादगी मार्केट में गुंटूर किस्म की लालमिर्च का भी कारोबार होता है। यह लालमिर्च अपने तीखेपन के लिए विख्यात है। इसका मॉडल मूल्य भी 16,065 रुपए से घटकर 12,429 रुपए प्रति क्विंटल रह गया।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार मूल या परम्परागत ब्यादगी कड्डी एवं डब्बी किस्मों की लालमिर्च में तीखापन कम होता है जबकि रंग घहरा रहता है इसलिए मसाला फर्में इसको काफी पसंद करती हैं।
इसका दाम भी गिरकर 25000-30000 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया है जबकि हाइब्रिड किस्मों का भाव 12000-15000 रुपए प्रति क्विंटल के बीच चल रहा है क्वालिटी शीर्ष स्तर की नहीं देखी जा रही है और यह दूसरी या तीसरी तुड़ाई की फसल है।
लालमिर्च का मौजूदा भाव काफी हद तक व्यावहारिक है और पिछले साल से इसकी तुलना नहीं की जानी चाहिए। गत वर्ष उत्पादन घटने से लालमिर्च का भाव असामान्य रूप से उछलकर एक समय 50,000 रुपए प्रति क्विंटल से भी ऊपर पहुंच गया था।