iGrain India - राजकोट। नए माल की जोरदार आपूर्ति के कारण पिछले दिनों जीरा का भाव काफी नरम पड़ गया था। जिसे देखते हुए उत्पादकों ने अब बिकवाली की गति धीमी कर दी है। किसानों को जीरा का आकर्षक या लाभप्रद मूल्य हासिल नहीं हो रहा है। घटते बाजार को देखते हुए लिवाल भी सुस्त पड़ गये हैं और कीमतों में स्थिरता आने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। कुछ दिनों तक आपूर्ति में उतार-चढ़ाव आ सकता है। ऊंझा मंडी में जीरे की आवक कम हो रही है और व्यापारी तथा निर्यातक सीमी मात्रा में इसकी खरीद कर रहे हैं।
ऊंझा मंडी में जीरे की औसत दैनिक आवक बढ़कर 50-52 हजार बोरी तक पहुँच गयी थी लेकिन जब भाव नरम पड़ गया तब आपूर्ति भी घट गयी। पिछले दिन वहां जीरे की कीमत 200-300 रुपए की गिरावट के साथ 5250-5300 रुपए प्रति 20 किलो पर आ गयी थी। यह भाव किसानों के लिए अनुकूल नहनी था। इसके फलस्वरूप वहां जीरा की आवक घटकर 35-37 हजार बोरी पर अटक गयी। गुजरात में इस बार जीरा का शानदार उत्पादन होने के आसार हैं और नई फसल की कटाई-तैयारी बहुत पहले शुरू हो चुकी है।
व्यापार विश्लेषकों का कहना है कि शानदार उत्पादन को देखते हुए ऊंझा मंडी में जीरे की दैनिक आवक बढ़कर 65-70 हजार बोरी तक पहुंच सकती है बशर्ते भाव लाभप्रद स्तर पर रहें। उधर राजस्थान में भी फसल की छिटपुट कटाई-तैयारी आरम्भ होने की सूचना मिल रही है मगर मंडियों में इसकी जोरदार आपूर्ति अगले महीने शुरू हो पाएगी। मंडी भाव नीचे होने से भारतीय जीरे का निर्यात ऑफर मूल्य भी घट गया है जबकि अन्य निर्यातक देशों में नगण्य स्टॉक होने से अगले कुछ महीनों तक भारतीय जीरे का निर्यात प्रदर्शन बेहतर रहने की उम्मीद है।