iGrain India - नई दिल्ली। केंद्रीय उपभोक्ता मामले में सचिव ने कहा है कि मोजाम्बिक से भारत में तुवर का अब निर्बाध आयात हो रहा है क्योकि वहां दो कमोडिटी फर्मो के बीच जो विवाद चल रहा था उसे सुलझा लिया गया है। अब मोजाम्बिक से अरहर का आयात होने लगा है और इसमें कोई विवाद या संकट नहीं है। उल्लेखनीय है कि वहां दो कम्पनियों ई टी जी तथा रॉयल ग्रुप के बीच पहले विवाद था जिससे भारत में तुवर के आयात में बाधा पड़ने लगी थी। पिछले कुछ महीनो से इस अफ़्रीकी देश से भारत में अरहर का आयात लगभग ठप्प पड़ा हुआ था।
मोजाम्बिक की एक अदालत ने कहा था कि एक्सपोर्ट ट्रेडिंग ग्रुप (ई टी जी) की तुवर का निर्यात शिपमेंट भारत को नहीं किया जा सकता है। लेकिन फरवरी के एक स्थानीय अदालत ने पुराने निर्णय को बदल दिया और उसका पालन करने के लिए नहीं कहा। उल्लेखनीय है कि भारत तुवर का सबसे प्रमुख उत्पादक एवं खपतकर्ता देश है। अपनी घरेलु मांग एवं खपत को पूरा करने के लिए भारत को प्रति वर्ष विशाल मात्रा में विदेशो से तुवर का आयात करना पड़ता है। भारत में अरहर का आयात मुख्यतः म्यांमार तथा पूर्वी अफ़्रीकी देशो -मोजाम्बिक, तंजानिया , मलावी, सूडान, केन्या एवं युगाण्डा आदि से किया जाता है।
वर्ष 2016 में भारत और मोजाम्बिक के बीच एक करार हुआ था जिसमे भारत ने वहां से अगले पांच वर्ष तक प्रतिवर्ष 2 लाख टन तुवर के आयात पर सहमति व्यक्त की थी। वर्ष 2021 में इसकी मिवाद पूरी होने के बाद इसे और पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया।
उपभोक्ता पाम के सचिव के अनुसार अब लैटिन अमरीकी देशो ब्राजील एवं अर्जेंटीना से भी भारत में दलहन का आयात शुरू हो गया है ब्राजील से करीब 20 हजार टन उड़द का आयात होने की संभावना है अर्जेंटीना से होने वाले आयात की मात्रा जो निश्चित नहीं है मगर शीघ्र ही इसका शिपमेंट पहुंचना शुरू हो सकता है तुवर एवं उड़द के शुल्क युक्त आयात भी नीति लागू है और व्यापारियों के लिए इस पर कोई नियंत्रण नहीं लगा हुआ है।