iGrain India - नई दिल्ली। पिछले दो वर्षो से केंद्रीय पूल के लिए गेहूं की सरकारी खरीद नियत लक्ष्य से काफी कम हुई और चालू वर्ष के दौरान भी इसका ज्यादा बढ़ना मुश्किल लगता है। आई ग्रेन इण्डिया के डायरेक्टर राहुल चौहान के अनुसार पिछले साल देश में 950-955 लाख टन गेहूं का उत्पादन हुआ था जो चालू वर्ष में बढ़कर 1000 लाख (10 करोड़) टन के आस-पास पहुंच सकता है। देश के सभी प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में इस बार मौसम की हालत फसल के लिए काफी हद तक अनुकूल बनी हुई है लेकिन राजस्थान एवं पश्चिमी उत्तरप्रदेश में दिन का तापमान बढ़ने लगा है इसके बावजूद मौसम सामान्य होने से गेहूं की उत्पादकता में सुधार आने की उम्मीद है। जिससे सरकार को कुछ राहत मिल सकती है लेकिन समस्या और चुनौती यह है कि गेहूं की खरीद कैसे की जाये क्योंकि सभी प्रमुख उत्पादक राज्यों की थोक मंडियों में इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न का भाव 2275 रूपए प्रति क्विंटल के सरकारी समर्थन मूल्य से ऊंचा चल रहा है।
मध्यप्रदेश के एक फ्लोर मिलर्स का कहना है कि अभी तक सरकारी खरीद की गति तेज नहीं होने के कारण राज्य की मंडियों में 2250-2300 रूपए प्रति क्विंटल के मूल्य स्तर पर गेहूं उपलब्ध हो रहा है रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ़ इण्डिया के अध्यक्ष के अनुसार 2023-24 सीजन के दौरान राष्ट्रिय स्तर पर गेंहू का कुल उत्पादन 1020-1040 लाख टन के बीच होने का अनुमान है जो 2022-23 सीजन के लगभग बराबर ही है लेकिन केंद्रीय कृषि मंत्रालय को गेहूं का उत्पादन नए रिकार्ड स्तर पर पहुंचने का भरोसा है उसने इसका कुल उत्पादन 1120.20 लाख टन होने का अनुमान लगाया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष 18 मार्च तक 983 टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई जबकि पिछले साल की इस तिथि तक खरीद की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई थी। सरकार ने गेहूं की खरीद का लक्ष्य घटाकर 300-320 लाख टन नियत किया है।