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दिल्ली एलजी हक की लड़ाई नहीं लड़ रहे हैं : प्रियंका कक्कड़

प्रकाशित 11/06/2024, 10:42 pm
दिल्ली एलजी हक की लड़ाई नहीं लड़ रहे हैं : प्रियंका कक्कड़
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नई दिल्ली, 11 जून (आईएएनएस)। दिल्ली में जल संकट को लेकर जुबानी जंग रूकने का नाम नहीं ले रही है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। आम आदमी पार्टी दिल्ली के एलजी पर जुबानी हमले कर रही है। आम आदमी पार्टी की नेता प्रियंका कक्कड़ ने दिल्ली के एलजी पर आरोप लगाया है कि वो दिल्ली के पैसों पर मौज कर रहे हैं और दिल्ली के हक की लड़ाई नहीं लड़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि 6 जून को सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि हिमाचल सरकार दिल्ली को पानी दे रही है और हरियाणा सरकार भी यह तय करे कि यह पानी हथिनी कुंड से होते हुए दिल्ली पहुंचे। कल इस मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थी। हमने बताया कि हिमाचल से छोड़ा गया पानी दिल्ली नहीं पहुंचा है। इस पर हरियाणा सरकार ने कहा कि हिमाचल ने पानी छोड़ा ही नहीं है। जबकि, हिमाचल सरकार ने बताया कि उन्होंने 137 क्यूसेक पानी दिल्ली के लिए छोड़ दिया है।

प्रियंका कक्कड़ ने आरोप लगाया है कि इस मामले में दिल्ली के एलजी हरियाणा सरकार के बचाव में आ जाते हैं और कहते हैं कि हरियाणा सरकार 2,200 क्यूसेक से ज्यादा पानी दे रही है। उन्हें यह भी मानना पड़ा कि दिल्ली को 200 क्यूसेक पानी कम मिल रहा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि एलजी साहब दिल्ली वालों के पैसे पर मौज काट रहे हैं। वो दिल्ली के हक की लड़ाई नहीं लड़ रहे। दिल्ली के एलजी उस हरियाणा सरकार के बचाव में खड़े हैं, जो दिल्ली के हक का पानी नहीं आने दे रही है। जबकि, हरियाणा सरकार कह रही है कि वो 1,050 क्यूसेक पानी छोड़ रही है और एलजी उनसे भी बढ़कर इसका दोगुना बता रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अगर एलजी साहब का मानना है कि यहां पानी की चोरी हो रही है तो आपकी दिल्ली पुलिस क्यों कुछ नहीं कर रही है? एलजी को ध्यान रखना चाहिए कि उन्हें दिल्ली वालों के लिए काम करना होता है, ना कि बीजेपी के लिए। हम आम आदमी पार्टी हैं। हम दिल्ली वालों को पानी दिलाकर रहेंगे। इसके लिए आवाज उठाते रहेंगे। दिल्ली के एलजी बार-बार हरियाणा सरकार का पक्ष क्यों रख रहे हैं? जबकि, एलजी ने खुद माना है कि हरियाणा से 200 क्यूसेक पानी कम आ रहा है। उनसे सवाल पूछा जाए कि हिमाचल सरकार जो 137 क्यूसेक पानी दे रही है, वह दिल्ली के लिए क्यों नहीं छोड़ा जा रहा है?

--आईएएनएस

पीकेटी/एबीएम

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