करनाल, 30 जुलाई (आईएएनएस)। पेरिस ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने वैश्विक मंच पर तिरंगे का मान बढ़ाया है। इसके साथ ही विलायती खिलाड़ियों को लगे हाथों ये पैगाम भी दे दिया है कि ‘हम भारतीय किसी से कम नहीं हैं’। ताज्जुब और खुशी की बात यह है कि हर खेल में हमारे खिलाड़ियों ने तिरंगे का शान बढ़ाया है। जिसे लेकर चौतरफा चर्चा हो रही है। उधर, ऐसा कमाल दिखाने वाले खिलाड़ियों के घरों में भी खुशी का ठिकाना नहीं है। हर कोई पेरिस ओलंपिक में इतिहास रचने वाले खिलाड़ियों के परिजनों को बधाई देने पहुंच रहा है।वहीं पेरिस ओलंपिक के खुमार के बीच बलराज पंवार की चौतरफा चर्चा हो रही है। हालांकि, वो मेडल लाने से चूक गए, लेकिन क्वार्टर फाइनल में उनका प्रदर्शन शानदार रहा जिसे लेकर उनके परिजनों के बीच उत्साह का भाव देखने को मिल रहा है।
इसके अलावा, परिजनों ने विश्वास ने जताया है कि आने वाले दिनों में उनका बेटा बलराज जरूर मेडल जीतकर देश का मान बढ़ाएगा। आज से चार साल पहले बलराज की दिलचस्पी नौकायन को लेकर जगी थी। इसके बाद उन्होंने नौकायन चलाना शुरू किया। इस बीच, छह साल पहले वो सेना में भी भर्ती हुए थे। यहीं उन्हें इस खेल के बारे में जानकारी मिली, तो इसे लेकर उनकी दिलचस्पी जगी।
पिता के देहांत के बाद मां ने बड़ी मुश्किल से अपने बेटे का पालन-पोषण किया और उसे इस काबिल बनाया कि वो आज पेरिस ओलंपिक तक का सफर तय करने में सफल हो पाया है।
बेशक मेडल जीतने में असफल हुआ, लेकिन परिजनों को पूरा विश्वास है कि आगामी दिनों में उनका बेटा कमाल दिखाने में जरूर सफल होगा।
स्थानीय विधायक हरविंदर कल्याण ने भी बलराज के घर पहुंचकर परिजनों को बधाई दी और उन्हें कहा कि आपने पेरिस ओलंपिक में शानदार किया।
विधायक ने कहा, “मुझे गर्व है कि करनाल का बेटा यहां तक पहुंचा है। बलराज पंवार चौथे क्वार्टर फाइनल में पांचवें स्थान पर रहे। अब पदक की रेस से वो बाहर हो गए हैं और उनका अगला मैच रैंकिंग के लिए होगा। बलराज पंवार ने आज के टूर्नामेंट में इस ओलंपिक का अपना बेस्ट प्रदर्शन दिया था। बलराज को उनके भविष्य के लिए हर कोई शुभकामनाएं दे रहा है।”
--आईएएनएस
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