नयी दिल्ली, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय ने कहा है कि जीरो डिफेक्ट जीरो इफेक्ट (जेड) पद्धति अपनाने के लिये एमएसएमई क्षेत्र को सब्सिडी दी जायेगी।केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नारायण राणे ने गुरुवार को एमएसएमई जेड सर्टिफिकेट योजना को लॉन्च किया। उन्होंने कहा कि जेड एक राष्ट्रीय आंदोलन बनने की क्षमता रखता है।
उन्होंने कहा कि इसे अपनाने से सिर्फ उत्पादकता नहीं बढ़ेगी बल्कि इसमें विनिर्माताओं की मानसिकता को बदलने की क्षमता है ताकि वे पर्यावरण के प्रति अधिक जागरूक हों।
जेड सर्टिफिकेशन की लागत के अनुसार, एमएसएमई को सब्सिडी प्रदान की जायेगी। जैसे सूक्ष्म उद्यमों को 80 प्रतिशत, लघु उद्यमों को 60 प्रतिशत और मध्यम उद्यमों में 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जायेगी।
महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों के स्वामित्व वाले एमएसएमई तथा पूर्वोत्तर राज्य, हिमालयी इलाकों, नक्सली प्रभावित इलाकों, द्वीपों और आकांक्षी जिलों में स्थित एमएसएमई को 10 प्रतिशत अधिक सब्सिडी दी जायेगी।
इसके अलावा स्फूर्ति या मंत्रालय के क्लस्टर विकास कार्यक्रम से जुड़े एमएसएमई को अतिरिक्त पांच प्रतिशत की सब्सिडी दी जायेगी। जेड से जुड़ने की प्रतिज्ञा लेने पर सभी एमएसएमई को दस हजार रुपये का पुरस्कार दिया जायेगा।
लॉन्च के चंद घटे के अंदर ही 1,800 से अधिक एमएसएमई ने पंजीकरण कराकर जेड प्रतिज्ञा ली।
--आईएएनएस
एकेएस/एसकेपी