iGrain India - मिलर्स की कमजोर मांग से सोयाबीन के दाम में नरमी का माहौल बरकरार नई दिल्ली । केन्द्र सरकार द्वारा 4892 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की घोषणा किए जाने का सोयाबीन के बाजार पर कोई सकारात्मक असर पड़ने के संकेत नहीं मिल रहे हैं और 24-30 अक्टूबर वाले सप्ताह के दौरान इसके प्लांट डिलीवरी मूल्य में 200 रुपए प्रति क्विंटल तक की गिरावट दर्ज की गई। मध्य प्रदेश में यह 4500-4600 रुपए प्रति क्विंटल रह गया। महाराष्ट्र / राजस्थानमहाराष्ट्र और राजस्थान में भी कीमत इसके आसपास ही रही। सभी प्रमुख उत्पादक राज्यों की महत्वपूर्ण मंडियों में सोयाबीन की भारी आवक होने लगी है इसलिए क्रशिंग- प्रोसेसिंग इकाइयों को इसकी खरीद में जल्दबाजी दिखाने की जरूरत नहीं पड़ती है। किसानों को रबी फसलों की बिजाई के लिए पैसों की जरूरत है जबकि सरकार केवल आश्वासन देकर शांत पड़ गई है इसलिए उसे कम दाम पर अपना उत्पाद बेचने के लिए विवश होना पड़ रहा है। सरकारी खरीद के सहारे बाजार कुछ मजबूत हो सकता है। सोया तेल (रिफाइंड) हैरानी की बात यह है कि सोयाबीन का दाम कमजोर पड़ने के बावजूद सोया रिफाइंड तेल का भाव समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान तेज हो गया। विदेशों से सोया तेल का आयात महंगा बैठ रहा है जिससे घरेलू बाजार भाव ऊंचा हो गया है। इसके फलस्वरूप स्वदेशी सोयाबीन से निर्मित रिफाइंड तेल में भी तेजी का माहौल बना हुआ है। आवक सोयाबीन की आवक बढ़ते हुए 8.75 लाख बोरी (100 किलो की प्रत्येक बोरी) तक पहुंच गई है जबकि मिलों में इसकी ज्यादा मांग नहीं है। घरेलू एवं निर्यात मांग कमजोर रहने से सोया डीओसी की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। समझा जाता है कि नीचे मूल्य पर आगामी समय में इसका अच्छा कारोबार हो सकता है।