iGrain India - जकार्ता । मुख्य प्रतिद्वंदी देश- मलेशिया के सापेक्ष प्रतिस्पर्धी क्षमता को बरकार रखने और नीतियों में बदलाव नहीं करने के उद्देश्य से इंडोनेशिया की सरकार पाम तेल के लिए लालगू निर्यात लेवी के तौर-तरीकों की समीक्षा करने की योजना बना रही है। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार यह अपनी व्यापारिक नीति के मूल्यांकन के लिए किया जाने वाला नियमित प्रयास है।
पिछले सप्ताह मलेशियाई पाम तेल के वायदा मूल्य में तेजी आ गई क्योंकि व्यापारियों ने यह समझ लिया कि इंडोनेशिया में पाम तेल के लिए निर्यात लेवी या शुल्क ढांचे में बदलाव हो सकता है।
वैसे चालू सप्ताह के पहले दिन शुरूआती कारोबार में पाम तेल का वायदा भाव नरम पड़ गया। इंडोनेशिया दुनिया में पाम तेल का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक देशों है जबकि मलेशिया दूसरे नम्बर पर है। पाम तेल के वैश्विक निर्यात बाजार में इन दोनों देशों के बीच जबरदस्त प्रतिस्पर्धा रहती है।
चालू सप्ताह के प्रथम दिन चीन के डालियान कॉमोडिटी एक्सचेंज में सोयाबीन तेल तथा पाम तेल के वायदा मूल्य में नरमी दर्ज की गई जबकि मलेशिया में रिंगिट मजबूत हो गया।
इंडोनेशिया में पाम तेल की निर्यात लेवी की अंतिम बार समीक्षा सितम्बर 2024 में हुई थी जबकि अक्टूबर में इसकी समीक्षा नहीं की गई। वहां पहले नियमित रूप से इसकी समीक्षा की जाती थी।
दरअसल इसका उद्देश्य पाम के उत्पादकों का कल्याण करना तथा वैश्विक बाजार में पाम तेल की प्रतिस्पर्धी क्षमता को बरकरार रखना होता है।
आर्थिक मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार सम्बन्धित अधिकारियो द्वारा प्रत्येक तीन से छह माह के दौरान नीति का मूल्यांकन किया जाएगा।
ध्यान देने की बात है कि इंडोनेशिया में पाम तेल के लिए सरकार द्वारा प्रत्येक माह एक बेंचमार्क मूल्य नियत किया जाता है और इसके आधार पर निर्यात शुल्क एवं निर्यात मूल्य का निर्धारण होता है।