iGrain India - तंजावुर । उत्तर-पूर्व मानसून की सक्रियता से तमिलनाडु के विभिन्न जिलों में पिछले डेढ़ महीने से रुक-रूककर भारी बारिश हो रही है। इसी क्रम में 12-13 दिसम्बर को तंजावुर जिले में हुई मूसलाधार वर्षा से निचले इलाकों में पानी भर गया और रबी कालीन धान तथा मूंगफली के नवजात पौधे जलमग्न हो गए।
केला के बागानों में पानी जमा हो गया। किसानों की चिंता बढ़ गई है। बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दाब का क्षेत्र बनने से तंजावुर जिले में 9-10 दिसम्बर से ही भारी बारिश का दौर जारी है। इससे हजारों एकड़ क्षेत्रफल में रबी फसलों को क्षति होने की आशंका है।
अत्यन्त मूसलाधार बारिश से तंजावुर जिले में जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया और पिछले दिन जिला प्रशासन ने स्कूल-कॉलेज में छुट्टी की घोषणा कर दी। जिले के विभिन्न भागों में यातायात पर असर पड़ रहा है और व्यापारिक गतिविधियां सुस्त पड़ गई हैं।
तिरुवोनम जिले के शिवधनथला तथा ऊरुणीपुरम क्षेत्र और तंजावुर जिले के कई इलाकों में मूंगफली की बिजाई अक्टूबर-नवम्बर में की गई थी।
जब बीज में अंकुरण का समय आया तब उसमें कीड़ों-रोगों का प्रकोप बढ़ गया। मूंगफली के खेतों में पानी जमा हो जाने से 100 एकड़ से अधिक भूमि में फसल लगभग बर्बाद हो गई।
इसी तरह तंजावुर जिले के विभिन्न भागों ने साम्बा धान की खेती में अच्छी दिलचस्पी दिखाई थी और इसकी फसल भी कटाई के लिए तैयार हो गई थी लेकिन तेज हवा के साथ बारिश होने से धान के पौधे जमीन पर गिर गए और पानी में समा गए।
इससे दाने की क्वालिटी खराब हो जाने की आशंका है। एक नदी में भी उफान आने से इसका पानी तटवर्ती क्षेत्र में फैल गया है। इसकी वजह से 1000 एकड़ से अधिक भूमि में साम्बा धान के पौधे जल मग्न हो गए हैं। वहां कुछ अन्य रबी फसलों को भी तेज हवा एवं मूसलाधार बारिश से नुकसान होने की आशंका है।