नई दिल्ली, 1 सितंबर (आईएएनएस)। नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री वी.के. सिंह ने गुरुवार को कहा कि ड्रोन के आयात में कटौती की जरूरत है और देश को ड्रोन हब बनाने के लिए केवल नीति ही काफी नहीं है।उन्होंने कहा, हमें आयात में कटौती करनी है और सिर्फ नीति पर्याप्त नहीं है। अगर भारत को ड्रोन हब बनना है, तो हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि आप यहां निर्माण करें। शुरुआत में लागत अधिक हो सकती है, लेकिन मात्रा में वृद्धि के साथ कीमतें नीचे आ जाएंगी।
फिक्की द्वारा विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन के साथ संयुक्त रूप से आयोजित मेकिंग इंडिया ए ग्लोबल ड्रोन हब पर एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि हाल के वर्षो में ड्रोन अनुप्रयोगों में वृद्धि हुई है और उनके वाणिज्यिक बाजार को बढ़ाने की जरूरत है।
सिंह ने कहा, यदि वाणिज्यिक बाजार नहीं बढ़ता है, तो बाजार नहीं बढ़ेगा, क्योंकि सैन्य मांग बहुत कम है। कम कीमत पर एक सरल समाधान के साथ आप (उद्योग) बाजार पर कब्जा कर लेंगे और जितना अधिक बढ़ेगा, उतना ही बेहतर होगा आप एक हब बनाते हैं और उस पर कई लोगों की निर्भरता होती है।
उन्होंने उल्लेख किया कि सरकार यह सुनिश्चित करने पर भी विचार कर रही है कि पीएलआई योजना उद्योग को आगे बढ़ाने में सफल हो। यह दूसरों को भी बैंडबाजे में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करेगा, ताकि पीएलआई योजना उन्हें अपने स्वयं के बाजारों को आगे बढ़ाने में मदद कर सके।
सिंह ने कहा, ड्रोन के निर्माताओं के रूप में आपको अपना सिस्टम, आपूर्तिकर्ता और घटक निर्माता बनाना होगा जो यह सुनिश्चित करेगा कि यह भारत में एक बाजार के रूप में पनपे।
कौशल विकास और उद्यमिता सचिव राजेश अग्रवाल ने कुशल जनशक्ति के लिए प्रशिक्षण संस्थानों की संख्या बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया और उद्योग से आरटीपीओ (दूरस्थ पायलट प्रशिक्षण संगठन) प्रशिक्षण के लिए शिक्षकों की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार के साथ सहयोग करने का आग्रह किया।
--आईएएनएस
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