iGrain India - मुम्बई । जिंसों में वायदा कारोबार की नियामक संस्था- भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 18 दिसम्बर 2024 की देर रात एक सर्कुलर जारी करके उन जिंसों में वायदा कारोबार पर रोक की समय सीमा को 31 जनवरी 2025 तक बढ़ा दिया है जिस पर 19 दिसम्बर 2021 से ही प्रतिबंध लगा हुआ है।
इसमें गैर बासमती धान, गेहूं, चना, मूंग, सरसों तथा इसके उत्पाद, सोयाबीन तथा इसके उत्पाद और क्रूड पाम तेल (सीपीओ) शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि 19 दिसम्बर 2021 को कॉमोडिटी डेरिवेटिव्स सेगमेंट में वायदा कारोबार का संचालन करने वाले सभी स्टॉक एक्सचेंजों को उपरोक्त जिंसों में वायदा व्यापार को 20 दिसम्बर 2022 तक स्थगित रखने का निर्देश दिया था।
उसके बाद उपरोक्त अनुबंधों में कारोबार में स्थगन की समय सीमा दो बार एक-एक वर्ष के लिए बढ़ा दी गई। इसके अनुरूप पहले कारोबार को 20 दिसम्बर 2023 तक और फिर 20 दिसम्बर 2024 तक स्थगित रखने का आदेश दिया गया। इसकी निरंतरता को जारी रखते हुए अब सेबी ने स्थगन की अवधि एक बार फिर बढ़ाकर 31 जनवरी 2025 तक निर्धारित कर दी है।
लेकिन कारोबार स्थगन की समय सीमा में होने वाली वृद्धि में इस बार फर्क है। पहले यह समय सीमा एक वर्ष के लिए बढ़ाई जाती थी मगर इस बार सिर्फ 42 दिनों के लिए बढ़ाई गई है।
ध्यान देने की बात है कि सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी) सहित वनस्पति तेल उद्योग एवं व्यापार क्षेत्र के कुछ अन्य महत्वपूर्ण संगठन सरकार से बार-बार सरसों एवं सोयाबीन तथा इसके मूल्य संवर्धित उत्पादों (तेल एवं डीओसी) में वायदा व्यापार पर लगी रोक को हटाने की मांग करते रहे हैं और ऐसा लग रहा था
कि इस बार उसकी मांग को स्वीकार कर लिया जाएगा क्योंकि खासकर सोयाबीन का थोक मंडी भाव घटकर सरकारी समर्थन मूल्य से काफी नीचे आ गया है। लेकिन सेबी के नवीनतम सर्कुलर के बाद अब मामला 40-45 दिनों के लिए बंद हो गया है।