iGrain India - शिकागो । अमरीकी कृषि विभाग (उस्डा) द्वारा 10 जनवरी 2025 को अपना अंतिम फसल उत्पादन अनुमान जारी किया जाएगा जिसमें 1 दिसम्बर 2024 को मौजूद स्टॉक का विवरण भी दिया जाएगा।
इन आंकड़ों का मक्का बाजार पर सकारात्मक असर पड़ने की संभावना है। 2024-25 के मार्केटिंग सीजन में संसार के प्रमुख निर्यातक एवं आयातक देशों में मक्का का बकाया स्टॉक घटकर पिछले अनेक वर्षों के निचले स्तर पर सिमट जाने की संभावना है।
आगामी महीनों के दौरान मक्का का भाव इस बात पर निर्भर करेगा कि खरीदारों एवं विक्रेताओं में से कौन ज्यादा हावी रहता है।
प्रमुख निर्यातक देशों में मक्का का स्टॉक लुढ़ककर वर्ष 2006-07 के बाद सबसे निचले स्तर पर सिमटने का अनुमान है। इसी तरह आयातक देशों में भी स्टॉक 2012-13 के बाद सबसे कम रहने की संभावना है।
इसे देखते हुए लगता है कि चालू वर्ष के दौरान विक्रेताओं की तुलना में खरीदारों की सक्रियता अधिक रह सकती है। समीक्षकों के मुताबिक यदि भू राजनैतिक तनाव में बढ़ोत्तरी होती है और खाद्य सुरक्षा के प्रति गंभीर चिंता उत्पन्न होती है तो मक्का की मांग तेजी से बढ़ सकती है।
अमरीका के बाद मक्का के अन्य प्रमुख निर्यातक देशों में ब्राजील, अर्जेन्टीना, यूक्रेन, रूस एवं साउथ अफ्रीका आदि शामिल हैं जबकि यूरोपीय संघ, मिस्र, जापान, मैक्सिको, दक्षिण कोरिया एवं दक्षिण पूर्व एशिया के अनेक देश इसके मुख्य खरीदार हैं।
चीन के पास मक्का का अच्छा खासा स्टॉक अभी मौजूद है इसलिए उसके आयात के बारे में अनिश्चितता बनी हुई है। दिसम्बर की मासिक रिपोर्ट में उस्डा ने अमरीका को छोड़कर अन्य निर्यातक देशों में 2024-25 के मार्केटिंग सीजन के अंत में मक्का का बकाया अधिशेष स्टॉक घटकर 79.90 लाख टन रह जाने का अनुमान लगाया था
जो 2023-24 सीजन के 150.60 लाख टन तथा 2022-23 सीजन के 184.70 लाख टन से काफी कम है। इसी तरह प्रमुख आयातक देशों में मक्का का स्टॉक 2024-25 सीजन के 205.30 लाख टन एवं 2022-23 सीजन के बकाया स्टॉक 207.80 लाख टन से काफी कम है।