iGrain India - इंदौर । सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) का कहना है कि दिसम्बर 2024 में भारतीय सोयामील का निर्यात कुछ सुधरकर 2.77 लाख टन पर पहुंच गया क्योंकि जर्मनी तथा हॉलैंड जैसे यूरोपीय देशों में इसकी अच्छी मांग देखी गई। दूसरी ओर घरेलू प्रभाग में सोयाबीन की खपत 5.50 लाख टन के पुराने स्तर पर ही स्थिर रही।
पशु आहार एवं पॉल्ट्री फीड निर्माण में इसकी मांग में ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं देखा गया। दिसम्बर 2023 में देश से 2.74 लाख टन सोयामील का निर्यात हुआ था। सोयाबीन का भाव कमजोर रहने से सोयामील का ऑफर मूल्य भी कुछ नीचे आया है।
सोपा के मुताबिक दिसम्बर का निर्यात प्रदर्शन कुछ बेहतर रहने के बावजूद वर्तमान मार्केटिंग सीजन की पहली तिमाही में सोयामील के कुल शिपमेंट में गिरावट दर्ज की गई।
अक्टूबर-दिसम्बर 2023 के कुल शिपमेंट 6.59 लाख टन से 1.41 लाख टन कम रहा। यह गिरावट 21 प्रतिशत की रही।
दरअसल भारतीय सोयामील का निर्यात ऑफर मूल्य पहले ब्राजील अर्जेन्टीना एवं अमरीका की तुलना में ऊंचा चल रहा था जिसके फलस्वरूप अक्टूबर एवं नवम्बर में इसका शिपमेंट घट गया था।
दिसम्बर 2024 में जर्मनी भारतीय सोयामील का सबसे प्रमुख खरीदार रहा जिसने करीब 50 हजार टन का आयात किया।
इसके बाद हॉलैंड ने 39 हजार टन, बांग्ला देश ने 32 हजार टन तथा फ्रांस ने लगभग 29 हजार टन का आयात किया। दिसम्बर 2024 में भारत से पड़ोसी देश- नेपाल को 28 हजार टन तथा यूरोपीय देश बेल्जियम को 18 हजार टन सोयामील का निर्यात किया गया।
लेकिन एक बड़े खरीदार-ईरान में केवल 500 टन का शिपमेंट हो सका। दक्षिण-पूर्व एशिया में भी सोयामील का निर्यात प्रदर्शन अपेक्षाकृत कमजोर रहा।
सोपा की रिपोर्ट के मुताबिक अक्टूबर-दिसम्बर 2024 की तिमाही के दौरान घरेलू मंडियों में 46 लाख टन सोयाबीन की आवक हुई जो वर्ष 2023 की इसी अवधि की आवक 52 लाख टन से 6 लाख टन कम रही।
इसके बावजूद इस महत्वपूर्ण तिलहन के दाम में तेजी नहीं देखी गई और इसका भाव सरकारी समर्थन मूल्य से काफी नीचे स्तर पर बरकरार रहा।