iGrain India - राजकोट । जीरा का भाव पिछले कुछ सप्ताहों से एक निश्चित सीमा में लगभग स्थिर बना हुआ है और निकट भविष्य में इसमें भारी तेजी आने की गुंजाइश भी नहीं है।
गुजरात और राजस्थान जैसे शीर्ष उत्पादक राज्यों में बिजाई की प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है और इसकी अगैती बिजाई वाली फसल की कटाई-तैयारी मध्य फरवरी के बाद आरंभ हो जाने की संभावना है।
प्रमुख उत्पादक इलाकों में मौसम की हालत सामान्य बताई जा रही है। उत्पादकों एवं स्टॉकिस्टों के पास जीरा का अभी अच्छा स्टॉक मौजूद है इसलिए अगला उत्पादन कुछ घटने के बावजूद इस महत्वपूर्ण मसाले की कुल उपलब्धता में ज्यादा गिरावट आने की संभावना नहीं है।
घरेलू प्रभाग में जीरा की आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति आगामी महीनों में सुगम बनी रह सकती है इसलिए कीमतों में ज्यादा उतार-चढ़ाव आना मुश्किल लगता है। लेकिन यदि निर्यात मांग मजबूत रही तो इसका भाव कुछ तेज हो सकता है।
मसाला बोर्ड के आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष के शुरूआती सात महीनों में यानी अप्रैल-अक्टूबर 2024 के दौरान देश से जीरा का निर्यात तेजी से उछलकर 1,46,558 टन की ऊंचाई पर पहुंच गया जो वर्ष 2023 की समान अवधि के शिपमेंट 84,475 टन से काफी अधिक था।
इसी तरह समीक्षाधीन अवधि में जीरा की निर्यात आय भी 3080.45 करोड़ रुपए से बढ़कर 4036.50 करोड़ रुपए पर पहुंच गई।
यह उत्साहवर्धक निर्यात प्रदर्शन जीरा के दाम को स्थिर रखने में सहायक साबित हुआ है और इसे आगे भी बरकरार रखे जाने की जरूरत है।
तुर्किए, ईरान एवं सीरिया जैसे अन्य उत्पादक तथा निर्यातक देशों में जीरा का निर्यात योग्य स्टॉक तेजी से घटता जा रहा है जिससे भारतीय जीरे की खरीद के प्रति विदेशी आयातकों की दिलचस्पी एवं सक्रियता बढ़ने के आसार हैं। जीरा में रमजान की जोरदार मांग निकलने की प्रतीक्षा की जा रही है।