iGrain India - मिलर्स एवं निर्यातकों की लिवाली से धान-चावल का भाव मजबूत नई दिल्ली। लगातार आ रही गिरावट के बाद अब धान-चावल (खासकर बासमती श्रेणी) का भाव 18-24 जनवरी वाले सप्ताह के दौरान कुछ मजबूत हो गया क्योंकि नीचे दाम पर मिलर्स एवं निर्यातकों द्वारा इसकी खरीद में दिलचस्पी दिखाई गई।दिल्ली हालांकि दिल्ली की नरेला मंडी में सप्ताह के दौरान 10 से 25 हजार बोरी के बीच धान की अच्छी आपूर्ति के कारण 1509 हैण्ड का दाम 80 रुपए तथा 1718 का भाव 45 रुपए गिरकर क्रमश: 2800 रुपए एवं 3070 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया लेकिन नजफगढ़ में 1121 का मूल्य 125 रुपए सुधरकर 4000/4125 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया।छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ की भाटापाड़ा एवं राजिम मंडी में भी धान की कीमत मजबूत रही। उत्तर प्रदेश की एटा मंडी में 1509 धान 100 रुपए नीचे आया और 1718 में भी 50 रुपए की नरमी रही। मैनपुरी एवं जहांगीराबाद में 50-100 रुपए का उतार-चढ़ाव देखा गया। शाहजहांपुर में 1121 का लाभ 200 रुपए गिरकर 3000 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया। चावल जहां तक चावल का सवाल है तो भारत से इसका निर्यात एक बार फिर जोर पकड़ने लगा है। खाड़ी क्षेत्र के मुस्लिम बहुल देशों में बासमती चावल में रमजान की जोरदार मांग निकलने की उम्मीद है जिससे इसका भाव मजबूत रहने के आसार हैं।निर्यात उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023 की तुलना में 2024 के दौरान देश से बासमती चावल का निर्यात 16 प्रतिशत बढ़कर 57 लाख टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था और चालू वर्ष का शिपमेंट भी उसके आसपास ही रहने की संभावना है। ज्ञात हो कि भारत दुनिया में चावल का सबसे प्रमुख निर्यातक एवं दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। आपूर्ति एवं उपलब्धता घरेलू प्रभाग में चावल की आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति काफी सुगम बनी हुई है और केवल निर्यातकों की मांग से इसका भाव कुछ हद तक मजबूत बना हुआ है। मंडियों में सामान्य श्रेणी के धान की आवक घटने लगी है और बासमती धान के उत्पादकों को उचित मूल्य प्राप्त नहीं हो रहा है। समझा जाता है कि आगामी समय में धान-चावल के दाम में कुछ सुधार आ सकता है क्योंकि इसकी स्पूर्ति में जटिलता बढ़ती जाएगी।