iGrain India - मांग एवं आपूर्ति के अनुरूप गेहूं के भाव में सीमित उतार-चढ़ाव नई दिल्ली । रबी सीजन के सबसे प्रमुख खाद्यान्न- गेहूं की बिजाई समाप्त हो चुकी है और इसका कुल क्षेत्रफल सुधरकर 320 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा है। मार्च से अगैती बिजाई वाली फसल की छिटपुट कटाई-तैयारी शुरू हो जाने की संभावना है। फसल की हालत अभी अच्छी है। उधर खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं की साप्ताहिक नीलामी जारी है और मिलर्स- प्रोसेसर्स इसकी खरीद में अच्छी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। थोक मंडियों में आवक सीमित हो रही है और इसलिए वहां मांग तथा उठाव के अनुरूप इसके दाम में थोड़ा-बहुत उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है लेकिन कुल मिलाकर यह एमएसपी से काफी ऊपर है। दिल्ली 18 से 24 जनवरी वाले सप्ताह के दौरान दिल्ली में यूपी / राजस्थान के गेहूं का भाव 30 रुपए बढ़कर 3260/3280 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया लेकिन मध्य प्रदेश की मंडियों में आमतौर पर गेहूं के दाम में गिरावट दर्ज की गई। इसके तहत इंदौर, देवास, डबरा तथा भोपाल में भाव नरम देखा गया मगर खंडवा में यह 150 रुपए प्रति क्विंटल ऊपर उठ गया इटारसी में भी 75 रुपए का सुधार आया। राजस्थान राजस्थान में बारां एवं बूंदी की मंडी शांत रही मगर कोटा में गेहूं की कीमत 30 रुपए सुधकर 2900/3080 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गई। उत्तर प्रदेश की मंडियों में गेहूं के दाम में 10-40 रुपए प्रति क्विंटल का सुधार आया लेकिन मैनपुरी में यह 10 रुपए नरम रहा। स्टॉक / भाव गेहूं के दाम में आगामी कुछ सप्ताहों तक सीमित उतार-चढ़ाव जारी रहने की उम्मीद है। किसानों तथा व्यापारियों के पास माल का सीमित स्टॉक बचा हुआ है और इसलिए मंडियों में आपूर्ति का दबाव नहीं बन रहा है। सरकारी गेहूं की मात्रा कुछ बढ़ाई गई है इसलिए मंडियों पर मिलर्स-प्रोसेसर्स की निर्भरता में थोड़ी कमी आई है। मार्च-अप्रैल से पहले बाजार में ज्यादा नरमी का माहौल नहीं बनेगा और यदि मौसम में गड़बड़ी हुई तो तेजी का रुख भी बन सकता है। गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2275 रुपए प्रति क्विंटल 2023-24 सीजन के लिए नियत हुआ था जबकि 2024-25 सीजन के लिए इसे 150 रुपए बढ़ाकर 2425 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। थोक मंडी भाव इससे 500-700 रुपए ऊपर है।