ट्रम्प द्वारा 50% टैरिफ की पुष्टि के बाद सोने की कीमतों में तेजी, तांबे में तेजी जारी
iGrain India - हैदराबाद। वर्तमान समय में मक्का का भाव घटकर पिछले तीन सप्ताह के नीचले स्तर पर आ गया है लेकिन वैश्विक बाजार में आपूर्ति एवं उपलब्धता की जटिल स्थिति को देखते हुए आगामी समय में इसका दाम मजबूत होने की उम्मीद है।
एक रिसर्च एजेंसी के अनुसार अमरीकी राष्ट्रपति की टैरिफ नीति के कारण वर्ष 2025 की पहली तिमाही के दौरान मक्का के वैश्विक बाजार में अनिश्चितता का माहौल बना रहा और इसकी कीमतों में अस्थिरता देखी गई।
लेकिन इसके बावजूद अब कीमतों में सुधार की प्रवृत्ती देखी जा रही है क्योंकि आपूर्ति की स्थिति कुछ जटिल हो गई है। वर्ष 2025 के अंत के लिए मक्का के बकाया स्टॉक के अनुमान को घटा दिया गया है।
चीन में मक्का का आयात कम होगा इसलिए वहां स्टॉक कम बचेगा। खाद्य एवं कृषि संगठन (फाओ) के एक निकाय - एग्रीकल्चरल मार्केट इन्फॉर्मेशन सिस्टम (एमिस) ने वर्ष 2025 के शुरूआती स्टॉक की तुलना में अंतिम बकाया स्टॉक 6 प्रतिशत कम रहने का अनुमान लगाया है। चीन में अमरीका से मक्का का आयात ठप्प पड़ सकता है।
वर्तमान समय में शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड (सीबोट) में मक्का का वायदा भाव 4.70 डॉलर प्रति बुशेल रहा है जो पूर्ववर्ती मूल्य स्तर से नीचे है। अमरीका में मक्के की बिजाई शुरू हो चुकी है जबकि अमरीका से चीन और मैक्सिको में इसका निर्यात लगभग बंद हो गया है।
अमरीकी कृषि विभाग (उस्डा) की रिपोर्ट के अनुसार 2024-25 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के दौरान विश्व स्तर पर 1.215 अरब टन (121.51 करोड़ टन) मक्का का उत्पादन होने का अनुमान है जो 2023-24 सीजन के उत्पादन 122.98 करोड़ टन से कम है।
दूसरी ओर मक्का की वैश्विक खपत 121.98 करोड़ टन से बढ़कर 124.18 करोड़ टन पर पहुंच जाने की उम्मीद है। इस तरह उत्पादन की तुलना में उपयोग ज्यादा होने से बकाया स्टॉक का इस्तेमाल करना पड़ेगा
और इसमें कुछ कमी आएगी। 2024-25 के मार्केटिंग सीजन की समाप्ति पर यानी 30 सितम्बर 2025 को मक्का का कुल वैश्विक बकाया अधिशेष स्टॉक घटकर 28.765 करोड़ टन पर सिमटने की संभावना है
जो 2023-24 सीजन के अंत में उपलब्ध स्टॉक 31.433 करोड़ टन से काफी कम है। इसके मनोवैज्ञानिक असर से मक्का का वैश्विक बाजार भाव मजबूत रहने की संभावना है।