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iGrain India - मंदे की संभावना नहीं
नई दिल्ली। विगत कुछ समय से निर्यातक एवं लोकल मांग कम रहने के कारण सौंफ के भाव नरमी के साथ बोले जा रहे थे। लेकिन चालू सप्ताह के दौरान निर्यातकों की पूछ-ताछ बढ़ने एवं मंडियों में आवक घटने के कारण कीमतों में मजबूती दर्ज की गई है। सूत्रों का मानना है कि आगामी दिनों में निर्यात गतिविधियां अच्छी रहने की संभावना है जिस कारण कीमतों में मंदे के आसार नहीं है। आगामी दिनों में भाव तेज रहने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। व्यापारियों का कहना है 15 जुलाई के पश्चात निर्यात व्यापार बढ़ने की संभावना है।
आवक घटी
प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात एवं गुजरात की मंडियों में सौंफ की दैनिक आवक घटने लगी है। क्योंकि अधिकांश माल मंडियों में आ चुका है। वर्तमान में गुजरात की प्रमुख ऊंझा मंडी में सौंफ की दैनिक आवक घटकर 2000/2500 बोरी की रह गई है। जबकि राजस्थान की नागौर मेड़ता मंडी में आवक 1000/1200 बोरी की हो रही है।
पैदावार
चालू सीजन के दौरान देश में सौंफ की पैदावार गत वर्ष की तुलना में कम रही है। क्योंकि वर्ष 2024 के दौरान देश में सौंफ की रिकॉर्ड पैदावार होने के कारण उत्पादकों को उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिला था जिस कारण से बिजाई के क्षेत्रफल में कमी रही। परिणामस्वरूप 2025 के दौरान देश में सौंफ की पैदावार 18/20 लाख बोरी (प्रत्येक बोरी 55 किलो) होने के अनुमान लगाए गए। जबकि वर्ष 2024 में पैदावार 38/40 लाख बोरी की रही थी वर्ष 2023 में उत्पादन 20/22 लाख बोरी का माना गया था।
निर्यात भाव
कमजोर निर्यात मांग के चलते जून माह के दौरान सौंफ का निर्यात भाव 78/79 रुपए प्रति किलो के न्यूनतम स्तर पर चल रहा था। हाल ही में लिवाली सुधरने के कारण निर्यात का भाव बढ़कर 81/82 रुपए प्रति किलो हो गया है। उल्लेखनीय है कि अप्रैल माह के दौरान निर्यात भाव 113/114 रुपए बोला जा रहा था।
मन्दा नहीं
सौंफ की वर्तमान कीमतों में मंदे की संभावना नहीं है। हालांकि चालू सीजन के दौरान देश में सौंफ का उत्पादन 50 प्रतिशत ही हुआ लेकिन गत वर्ष रिकॉर्ड पैदावार के कारण बकाया स्टॉक पर्याप्त था जिस कारण से कीमतों में मंदा रहा। वर्तमान में उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर सौंफ का एवरेज क्वालिटी भाव 80/110 रुपए प्रति किलो एवं हल्के मालों के भाव 70/95 रुपए प्रति किलो बोले जा रहे है। सूत्रों का मानना है कि आगामी दिनों में निर्यात मांग बढ़ने के पश्चात कीमतों में 8/10 रुपए प्रति किलो की तेजी आने के व्यापारिक अनुमान लगाए जा रहे हैं।
रिकॉर्ड निर्यात
वर्ष 2024 के दौरान देश में सौंफ की रिकॉर्ड पैदावार होने के कारण सौंफ के भाव मंदे बोले गए। भाव मंदे होने के कारण निर्यात में 94 प्रतिशत की अच्छी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। मगर निर्यात भाव कम मिलने के कारण आय में केवल 14 प्रतिशत का इजाफा हुआ। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2024-25 के दौरान सौंफ का निर्यात 76586 टन का रहा और निर्यात से प्राप्त आय 765.44 करोड़ रुपए की रही है। जबकि वर्ष 2023-24 के दौरान सौंफ का निर्यात 39564 टन का हुआ था और निर्यात से प्राप्त आय 669.60 करोड़ की हुई थी। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व वर्ष 2020-21 के दौरान सौंफ का सर्वाधिक निर्यात 40139 टन का रहा था।