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iGrain India - चेन्नई। दक्षिण भारत के 45 प्रमुख बांधों एवं जलाशयों में पानी का स्टॉक कुल भंडार क्षमता के 54 प्रतिशत से ऊपर पहुंच गया है जिससे खरीफ के साथ-साथ आगामी रबी फसलों की सिंचाई के लिए भी अधिक मात्रा में पानी उपलब्ध हो सकता है। सिर्फ आंध्र प्रदेश को छोड़कर दक्षिण भारत के अन्य प्रांतों में जलस्तर 50 प्रतिशत से ऊपर बना हुआ है।
तमिलनाडु में तो जल स्तर बढ़कर 91 प्रतिशत पर पहुंच गया है जिससे खरीफ कालीन फसलों की स्थिति बेहतर हो जाएगी। वहां मेट्टूर बांध पानी से लगभग भर चुका है जबकि शोलायार बांध भी पानी से भरा हुआ है।
कुल मिलाकर दक्षिण भारत के 45 बांधों / जलाशयों में 29.734 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) पानी का स्टॉक मौजूद है जो इसकी कुल भंडारण क्षमता 54.939 बीसीएम का 54.12 प्रतिशत है। आंध्र प्रदेश में बारिश अपेक्षाकृत कम हुई है
जिससे वहां जलाशयों में पानी का भंडार ज्यादा नहीं बढ़ा है। लेकिन तमिलनाडु, केरल एवं कर्नाटक के अनेक भागों में भरपूर बारिश होने से जल स्तर काफी ऊंचा हो गया है। तेलंगाना में बारिश धीरे-धीरे सामान्य होने लगी है।
देश के पश्चिमी भाग में भी पानी का स्तर बढ़ा है वहां के 50 प्रमुख बांधों में 37.357 बीसीएम पानी के भंडारण की क्षमता है जबकि उसमें 16.693 बीसीएम या करीब 45 प्रतिशत पानी का स्टॉक उपलब्ध है।
गोवा का एक मात्र जलाशय पानी से पूरा भरा हुआ है जबकि महाराष्ट्र के जलाशयों में 53 प्रतिशत से अधिक तथा गुजरात के बांधों में लगभग 35 प्रतिशत पानी का भंडार मौजूद है।
गुजरात के कई इलाकों में मूसलाधार वर्षा का दौर जारी है इसलिए आगामी समय में वहां बांधों का जल स्तर तेजी से बढ़ने के आसार हैं। राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में भी बारिश हो रही है।
उत्तरी संभाग के 11 जलाशयों में भी पानी का स्तर तेजी से बढ़ा है। वहां 19,836 बीसीएम की कुल भंडारण क्षमता के सापेक्ष 7.393 बीसीएम या 37.27 प्रतिशत पानी का भंडार मौजूद है।
राजस्थान के जलाशयों में 60 प्रतिशत पानी उपलब्ध है। कोटा में भारी बारिश के कारण एक बांध के आठ गेट को खोलना पड़ा है। पानी का स्टॉक पंजाब के जलाशयों में 35 प्रतिशत तथा हिमाचल प्रदेश के बांधों में 28 प्रतिशत पर पहुंच गया है।