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iGrain India - नई दिल्ली। खरीफ सीजन के दौरान दलहन फसलों के संवर्ग में मुख्यत: तुवर, मूंग एवं उड़द की खेती होती है। इसके अलावा मोठ, चौला एवं कुलथी सहित कुछ अन्य दलहनों का भी उत्पादन होता है। विभिन्न प्रमुख उत्पादक राज्यों में इन दलहनों की बिजाई में मिश्रित रुख देखा जा रहा है।
पिछले साल की तुलना में चालू खरीफ सीजन के दौरान 30 जून तक दलहनों का उत्पादन क्षेत्र गुजरात में 19 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 31 हजार हेक्टेयर तथा राजस्थान में 1.23 लाख हेक्टेयर से उछलकर 14.25 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया
जबकि महाराष्ट्र में क्षेत्रफल इसी अवधि में 10.33 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 10.58 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा लेकिन कर्नाटक में दलहनों का रकबा 14.22 लाख हेक्टेयर से घटकर 12.74 लाख हेक्टेयर पर अटक गया।
मूंग के उत्पादन क्षेत्र पर नजर डालने से ज्ञात होता है कि पिछले साल के मुकाबले चालू खरीफ सीजन के दौरान यह कर्नाटक में 3.78 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 3.87 लाख हेक्टेयर,
महाराष्ट्र में 1.39 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 1.47 लाख हेक्टेयर और गुजरात में 1 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 4 हजार हेक्टेयर हो गया जबकि सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त- राजस्थान में उत्पादन क्षेत्र 1.16 लाख हेक्टेयर से उछलकर 10.80 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
दरअसल राजस्थान में इस बार सभी दलहनों के बिजाई क्षेत्र में जबरदस्त इजाफा हुआ है क्योंकि दक्षिण-पश्चिम मानसून की बारिश नियत समय से काफी पहले शुरू हो गई और किसानों को जल्दी-जल्दी बिजाई करने का अवसर मिल गया।
राज्य में मानसून-पूर्व की बारिश भी अच्छी हुई थी। पिछले साल वहां मानसून-जुलाई में पहुंचा था और शुरूआती चरण में कुछ सुस्त भी रहा था इसलिए किसानों को बिजाई की रफ्तार धीमी रखनी पड़ी।
वहां इस वर्ष 30 जून तक 2.59 लाख हेक्टेयर में मोठ, 48 हजार हेक्टेयर में उड़द तथा 37 हजार हेक्टेयर में चौला की बिजाई पूरी हो चुकी थी।