कोलंबो, 22 मई (आईएएनएस)। श्रीलंका ने ईंधन आपूर्ति को सुरक्षित करने के लिए चीन के साइनोपेक के साथ एक समझौता किया है। यह संयुक्त रूप से देश द्वारा संचालित सीलोन पेट्रोलियम कॉपोर्रेशन (सीपीसी) और भारत की लंका इंडियन ऑयल (NS:IOC) कंपनी (एलआईओसी) द्वारा संचालित होगा।समझौते के अनुसार, साइनोपेक श्रीलंका में पेट्रोलियम उत्पादों के आयात, भंडारण, वितरण और बिक्री में शामिल होगा।
डॉलर की कमी से परेशान नए खुदरा आपूर्तिकर्ता के लिए श्रीलंका के बैंकिंग क्षेत्र पर निर्भर किए बिना विदेशी मुद्रा आवश्यकताओं को सुरक्षित करना है।
राष्ट्रपति के मीडिया प्रभाग (पीएमडी) ने एक बयान में कहा, यह अनिवार्य किया गया कि ये कंपनियां कम से कम संचालन के शुरूआती एक साल की अवधि के दौरान विदेशी स्रोतों से ईंधन खरीद के लिए अपने स्वयं के धन का स्रोत बनाएं।
पीएमडी ने कहा, श्रीलंका में चल रहे विदेशी मुद्रा संकट के तहत बिजली और ऊर्जा मंत्रालय ने उपभोक्ताओं को निर्बाध ईंधन आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए यह निर्णायक कार्रवाई की है।
इसमें कहा गया, श्रीलंका की ईंधन आपूर्ति चुनौतियों को दूर करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम में, एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय पेट्रोलियम कंपनी साइनोपेक के साथ एक अनुबंध समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। निर्बाध ईंधन आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
साइनोपेक को ऑस्ट्रेलिया में यूनाइटेड पेट्रोलियम प्राइवेट लिमिटेड और यूएसए में आरएम पार्क्स के बीच चुना गया। बयान में कहा गया कि लाइसेंस जारी होने के 45 दिनों के भीतर साइनोपेक श्रीलंका में परिचालन शुरू करेगा।
यह सौदा घाटे में चल रहे देश के स्वामित्व वाले उद्यमों के पुनर्गठन के सरकार के फैसले का भी हिस्सा है।
साइनोपेक श्रीलंका के सबसे दक्षिणी शहर हंबनटोटा में पहले से ही बंकरिंग ऑपरेशन चला रहा है।
साइनोपेक के साथ श्रीलंका का सौदा ऊर्जा क्षेत्र में चीन के प्रवेश को भी चिन्हित करता है, जो केवल पहले पड़ोसी भारत के साथ ही था।
--आईएएनएस
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