iGrain India - पेरिस । कुछ समय तक शांत या नरम रहने के बाद गेहूं का वैश्विक बाजार भाव पुनः तेज होने लगा है जिससे गरीब आयातक देश के लोगों की कठिनाई बढ़ सकती है।
समझा जाता है कि मांग एवं आपूर्ति का समीकरण ज्यादा जटिल नहीं है लेकिन खास बाजारों पर विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित होने तथा कुछ सटोरिया गतिविधियों के कारण कीमतों में तेजी का माहौल बन रहा है।
गेहूं की कीमतों में अनेक कारणों से इजाफा होता है जिसमें जलवायु परिवर्तन फसल की बिजाई एवं कटाई में व्यवधान, स्टॉक की उपलब्धता, सामुद्रिक परिवहन में समस्या एवं ऊंचा शिपमेंट खर्च तथा प्रमुख निर्यातक देशों की नीतियां आदि शामिल हैं।
लेकिन हाल के समय में गेहूं के दाम में जो तेजी आई है उसमें उपरोक्त कारकों का योगदान बहुत कम है। हालांकि कहा जा रहा है कि अमरीका और यूरोप में मंदी के दिन लौट आए हैं लेकिन जब तक इसका पूर्ण प्रभाव और परिणाम सामने नहीं आएगा तब तक गेहूं सहित अन्य जिंसों का बाजार भाव ऊंचा एवं तेज रह सकता है।
रूस में चालू वर्ष के उत्पादन का गेहूं का भारी स्टॉक मौजूद है जबकि अगले महीने से नए गेहूं का आना भी शुरू हो जाएगा। अमरीका, फ्रांस, जर्मनी, यूक्रेन, रोमानिया एवं ब्रिटेन जैसे देशों में भी गेहूं की नई फसल की कटाई-तैयारी अगले कुछ सप्ताहों में आरंभ हो जाएगी जिससे वैश्विक बाजार में इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ने लगेगी और कीमतों पर दबाव पड़ना शुरू हो सकता है।
फिलहाल वहां पुराना स्टॉक कम है और नया स्टॉक करीब एक माह दूर है। ऐसी हालत में आवक का ऑफ सीजन होने से गेहूं का बाजार कुछ तेज हुआ है।
जहां तक भारत का सवाल है तो यहां आज (28 जून को) खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं की नीलामी बिक्री हो रही है जिसके लिए सरकार ने आरक्षित मूल्य काफी छोटा रखा है।
इसके तहत एफएक्यू श्रेणी के गेहूं का आरक्षित मूल्य (रिजर्व प्राइस) 2150 रुपए प्रति क्विंटल तथा यूआरएस संवर्ग के गेहूं का आरक्षित मूल्य 2125 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया गया है।
सरकार की सोच है कि नीचे स्तर के आरक्षित मूल्य से गेहूं के थोक मंडी भाव पर दबाव बढ़ेगा और उसमें कमी आएगी। अगले दो-चार दिनों में इसकी तस्वीर स्पष्ट हो जाएगी। सरकार के पास गेहूं का विशाल स्टॉक नहीं है।
उधर यूक्रेन से सामुद्रिक मार्ग से गेहूं के निर्यात की स्वीकृत समय सीमा 18 जुलाई को समाप्त हो जाएगी इसलिए उसके अनाज के अग्रिम अनुबंध की गति काफी धीमी पड़ गई है।