ब्लैक फ्राइडे अभी है! 60% की छूट InvestingPro तक का लाभ उठाने से न चूकेंसेल को क्लेम करें

'एक राष्ट्र एक चुनाव': कांग्रेस का आरोप, पीएम मोदी कि लोकतांत्र को 'तानाशाही' में बदलना चाहते हैं

प्रकाशित 04/09/2023, 12:12 am
'एक राष्ट्र एक चुनाव': कांग्रेस का आरोप, पीएम मोदी कि लोकतांत्र को 'तानाशाही' में बदलना चाहते हैं

नई दिल्ली, 3 सितंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को एक राष्ट्र एक चुनाव की जांच के लिए एक पैनल के गठन को लेकर भाजपा सरकार की आलोचना की और कहा कि सत्तारूढ़ सरकार लोकतांत्रिक भारत को धीरे-धीरे तानाशाही में बदलना चाहती है।सरकार ने 'एक राष्ट्र-एक चुनाव' की व्‍यावहारिकता की जांच के लिए आठ सदस्यीय समिति का गठन किया है जिसके अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और सदस्य के रूप में अमित शाह और अन्य को नामित किया गया है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने एक्स पर लिखा, “मोदी सरकार चाहती है कि लोकतांत्रिक भारत धीरे-धीरे तानाशाही में बदल जाए। एक राष्ट्र-एक चुनाव पर समिति बनाने की यह नौटंकी भारत के संघीय ढांचे को खत्म करने का एक हथकंडा है।''

"भारत के संविधान में कम से कम पांच संशोधनों की आवश्यकता होगी, और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 में बड़े पैमाने पर बदलाव होंगे। निर्वाचित लोकसभा और विधान सभाओं के कार्यकाल को कम करने के लिए संवैधानिक संशोधनों की आवश्यकता होगी। स्थानीय निकायों के स्तर पर भी ऐसे ही परिवर्तनों की जरूरत होगी, ताकि उन्हें सिंक्रनाइज़ किया जा सके।”

कांग्रेस अध्यक्ष ने इस पर भी भाजपा सरकार से पूछा, “किसी भी व्यक्ति की बुद्धि को कमजोर किए बिना, क्या प्रस्तावित समिति भारतीय चुनावी प्रक्रिया में शायद सबसे बड़े व्यवधान पर विचार-विमर्श करने और निर्णय लेने के लिए सबसे उपयुक्त है?

“क्या राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर राजनीतिक दलों से परामर्श किए बिना इतनी बड़ी कवायद एकतरफा की जानी चाहिए? क्या यह विशाल ऑपरेशन राज्यों और उनकी चुनी हुई सरकारों को शामिल किए बिना होना चाहिए?

“इस विचार की अतीत में तीन समितियों द्वारा बड़े पैमाने पर जांच की गई है और इसे खारिज कर दिया गया है। यह देखना बाकी है कि क्या चौथे का गठन पूर्व-निर्धारित परिणाम को ध्यान में रखकर किया गया है। यह हमें आश्चर्यचकित करता है कि भारत के प्रतिष्ठित चुनाव आयोग के एक प्रतिनिधि को समिति से बाहर रखा गया है।

“तथ्य यह है कि 2014-19 (लोकसभा 2019 सहित) के बीच सभी चुनाव आयोजित करने में चुनाव आयोग की लागत लगभग 5,500 करोड़ रुपये है, जो कि सरकार के बजट व्यय का केवल बेहद छोटा सा हिस्‍सा है, इसलिए लागत-बचत तर्क मोहर की लूट, कोयले पर छाप जैसा है।

“इसी तरह, यदि आदर्श आचार संहिता समस्या है, तो इसे या तो रोक की अवधि को छोटा करके या चुनावी मौसम के दौरान अनुमत विकासात्मक गतिविधियों में ढील देकर बदला जा सकता है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, सभी राजनीतिक दल इस संबंध में व्यापक सहमति पर पहुंच सकते हैं।

उन्होंने कहा कि भाजपा को जनादेश की अवहेलना कर चुनी हुई सरकारों को गिराने की आदत है।

“इसके कारण 2014 के बाद से संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए 436 उप-चुनावों हो चुके हैं। भाजपा में सत्ता के लिए इस अंतर्निहित लालच ने पहले ही हमारी राजनीति को दूषित कर दिया है और दल-बदल विरोधी कानून को दंतहीन बना दिया है।''

उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र-एक चुनाव जैसी कठोर कार्रवाइयां भारत के लोकतंत्र, संविधान और विकसित समय-परीक्षणित प्रक्रियाओं को नुकसान पहुंचाएंगी। "सरल चुनाव सुधारों से जो हासिल किया जा सकता है वह पीएम मोदी के अन्य विघटनकारी विचारों की तरह एक आपदा साबित होगा।"

उन्होंने कहा कि 1967 तक भारत में न तो इतने राज्य थे और न ही पंचायतों में 30.45 लाख निर्वाचित प्रतिनिधि थे।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। हमारे पास लाखों निर्वाचित प्रतिनिधि हैं, और उनका भविष्य अब एक बार में निर्धारित नहीं किया जा सकता है।”

उन्होंने कहा कि 2024 के लिए भारत के लोगों के पास एक ही समाधान है और वह है भाजपा के कुशासन से छुटकारा पाना।

इससे पहले इसी तरह की भावना व्यक्त करते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा था, “इंडिया, यानी भारत, राज्यों का एक संघ है। एक राष्ट्र-एक चुनाव का विचार संघ और उसके सभी राज्यों पर हमला है।”

--आईएएनएस

एकेजे

नवीनतम टिप्पणियाँ

हमारा ऐप इंस्टॉल करें
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।
इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
© 2007-2024 - फ्यूजन मीडिया लिमिटेड सर्वाधिकार सुरक्षित