दुबई, 1 दिसंबर (आईएएनएस)। सीओपी28 प्रेसीडेंसी ने शुक्रवार को घोषणा की कि 134 विश्व नेताओं ने इसके ऐतिहासिक कृषि, खाद्य और जलवायु कार्रवाई घोषणा पर हस्ताक्षर किए हैं। जलवायु परिवर्तन से निपटने के दौरान खाद्य सुरक्षा का समर्थन करने के लिए 2.5 बिलियन डॉलर से अधिक की धनराशि जुटाने, जलवायु परिवर्तन के तथ्य में खाद्य प्रणालियों के इनोवेशन के लिए यूएई और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के बीच एक नई साझेदारी की भी घोषणा की गई।
सतत कृषि, लचीली खाद्य प्रणालियों और जलवायु कार्रवाई पर सीओपी28 यूएई डिक्लेरेशन की घोषणा विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन (डब्ल्यूसीएएस) के एक विशेष सत्र में की गई, जिसका नेतृत्व इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो, इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी, समोआ के प्रधानमंत्री फियामे नाओमी मताफा और अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी जे. ब्लिंकन ने किया।
घोषणापत्र जलवायु परिवर्तन की फ्रंट लाइन में रहने वाले किसानों के जीवन और आजीविका की रक्षा करते हुए वैश्विक उत्सर्जन, दोनों को संबोधित करता है।
संयुक्त अरब अमीरात की जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण मंत्री एवं सीओपी28 खाद्य प्रणाली प्रमुख मरियम अल्महेरी ने कहा, ''पेरिस जलवायु समझौते के लक्ष्यों को प्राप्त करने और 1.5 डिग्री सेल्सियस को पहुंच के भीतर रखने का कोई रास्ता नहीं है, जो खाद्य प्रणालियों, कृषि और जलवायु के बीच बातचीत को तत्काल संबोधित नहीं करता है।''
देशों को अपनी जलवायु महत्वाकांक्षाओं के केंद्र में खाद्य प्रणालियों और कृषि को रखना चाहिए, वैश्विक उत्सर्जन को रोकना चाहिए और जलवायु परिवर्तन की फ्रंट लाइन में रहने वाले किसानों के जीवन और आजीविका की रक्षा करनी चाहिए। दुनिया भर के देशों की आज की प्रतिबद्धता भविष्य के लिए उपयुक्त वैश्विक खाद्य प्रणाली बनाने में मदद करेगी।
घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने वाले 134 देशों में 5.7 अरब से अधिक लोग और लगभग 500 मिलियन किसान रहते हैं, वे 70 प्रतिशत भोजन का उत्पादन करते हैं, और वैश्विक खाद्य प्रणालियों से 76 प्रतिशत उत्सर्जन या वैश्विक स्तर पर कुल उत्सर्जन के 25 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार हैं।
घोषणा के समर्थन से खाद्य प्रणालियों को मजबूत करने, जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीलापन बनाने, वैश्विक उत्सर्जन को कम करने और संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के अनुरूप भूख के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में योगदान देने में मदद मिलेगी।
उन्होंने आगे कहा कि सीओपी प्रक्रिया के लिए अपनी तरह की पहली घोषणा में जलवायु परिवर्तन पर आम कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया गया है, जो दुनिया की आबादी के एक बड़े हिस्से, विशेष रूप से कमजोर देशों और समुदायों में रहने वाले लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
शुक्रवार का दिन जलवायु परिवर्तन से निपटने और भविष्य के लिए उपयुक्त खाद्य प्रणालियों के निर्माण दोनों में महत्वपूर्ण घटकों के रूप में टिकाऊ कृषि और खाद्य प्रणालियों को शामिल करते हुए एक महत्वपूर्ण मोड़ का संकेत देता है। हम साथ मिलकर परिवारों, किसानों और भविष्य के लिए स्थायी परिवर्तन लाएंगे।
जबकि, खाद्य प्रणालियां सामाजिक जरूरतों को पूरा करने और जलवायु प्रभावों के अनुकूल अनुकूलन को सक्षम करने के लिए महत्वपूर्ण हैं, वे वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के एक तिहाई के लिए भी जिम्मेदार हैं। निम्न और मध्यम आय वाले देशों में कई छोटे किसानों को भी जलवायु परिवर्तन के प्रति बढ़ती संवेदनशीलता का सामना करना पड़ रहा है।
संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के महानिदेशक क्यू डोंगयु ने स्टेट और सरकार के प्रमुखों को बताया कि खाद्य सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन आपस में जुड़े हुए हैं तथा वैश्विक कृषि खाद्य प्रणालियां जलवायु समाधान हैं।
स्थायी खाद्य उत्पादन का एक प्रमुख मार्ग फैक्ट्री खेती और इसके बड़े पैमाने पर ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन से निपटना है, जो हमारी हाल ही में जारी रिपोर्ट में कुल उत्सर्जन का 11 प्रतिशत होने का अनुमान है।
--आईएएनएस
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