नई दिल्ली, 26 जुलाई (आईएएनएस)। राज्य सभा में बुधवार को भी मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर हंगामा हुआ। राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का कहना था कि सदन के अंदर उनकी सेल्फ रिस्पेक्ट को चैलेंज किया गया है। खरगे ने कहा कि कम से कम जब मैं बोल रहा हूं तो अचानक मेरा माइक बंद करना, यह मेरा अपमान है। यह मेरा प्रिविलेज है, मेरे प्रिविलेज को धक्का लगा है, मेरा अपमान हुआ है।दरअसल, विपक्ष के सांसदों का कहना है कि नेता प्रतिपक्ष बोल रहे थे। लेकिन, अचानक उनका माइक बंद कर दिया गया। खरगे का कहना है कि उन्हें सदन में अपनी बात नहीं रखने दी गई। मंगलवार को इसके बाद नाराज विपक्षी सांसदों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करते हुए बॉयकॉट का फैसला किया था।
मणिपुर में हुई हिंसा पर चर्चा का मुद्दा संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव का विषय बन रहा है। विपक्ष की अधिकांश पार्टियां इस मुद्दे पर नियम 267 के अंतर्गत विस्तार से चर्चा चाहती है। जबकि, सरकार व सभापति इस विषय पर शार्ट डिस्कशन के लिए अपनी स्वीकृति दे चुके हैं। इसी को लेकर राज्यसभा में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच जमकर हंगामा हो रहा है। बुधवार को भी राज्यसभा में यह टकराव देखने को मिला। इसी बीच मल्लिकार्जुन खरगे ने सदन में अपने अपमान का मुद्दा उठाया।
खरगे ने मंगलवार को हुई घटना का जिक्र करते हुए कहा, मैं ये सोचकर उठा था कि मुझे बोलने का मौका मिलेगा। खरगे ने कहा कि मैं अपने मुद्दे सदन के सामने रख रहा था, 50 लोगों ने 267 पर चर्चा के लिए नोटिस दिया था, लेकिन बोलने का मौका नहीं मिला। खरगे ने कहा, कम से कम जब मैं बोल रहा हूं, मेरा माइक अचानक बंद करना, ये मेरा प्रिविलेज है, ये मेरे प्रिविलेज को धक्का है, मेरा अपमान हुआ है। आपने मेरे सेल्फ रेस्पेक्ट को चैलेंज किया।
खरगे ने यह भी कहा कि अगर सरकार के इशारे पर सदन चलेगा तो मैं समझूंगा कि यह लोकतंत्र नहीं है। इस दौरान सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों द्वारा हंगामा शुरू हो गया जिस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि कुछ भी रिकॉर्ड में नहीं जाएगा।
हालांकि, इसी दौरान राज्यसभा में कुछ हल्के-फुल्के पल भी देखने को मिले। खरगे जब बोल रहे थे तो उनके पीछे की सीटों पर कई कांग्रेस सांसद खड़े हो गए। इस पर सभापति ने कहा, आपके पीछे आपके सांसद खड़े हैं। सभापति की टिप्पणी पर खरगे ने कहा कि हमारे सांसद हमारे पीछे नहीं तो क्या पीएम मोदी के पीछे खड़े होंगे। इसके बाद सभापति के साथ-साथ अन्य सांसदों ने भी ठहाके लगाए। इस बीच सत्ता पक्ष के सांसदों ने मोदी-मोदी के नारे लगाने शुरू कर दिए।
--आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम