iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री द्वारा आज यानी 4 जनवरी 2024 को नई दिल्ली में तुवर (अरहर) के संदर्भ में किसानों के रजिस्ट्रेशन, तुवर की खरीद तथा उसके मूल्य के भुगतान के लिए एक ई-पोर्टल लांच किया जाएगा।
किसान केन्द्रित यह कदम तुवर उत्पादकों को ज्यादा से ज्यादा लाभ उपलब्ध करवाने तथा आर्थिक दृष्टि से सशक्त बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
सहकारिता मंत्रालय के अनुसार नैफेड ततः एनसीसीएफ जैसी एजेंसियां किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य से ऊंचे दाम पर तुवर की खरीद करेंगी और सीधे किसानों के बैंक खाते में इसके मूल्य का ट्रांसफर करेंगी। इससे घरेलू प्रभाग में दलहनों का उत्पादन बढ़ाने और विदेशों से आयात पर निर्भरता घटाने में सहायता मिलेगी।
मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार इस ई-पोर्टल पर पंजीकृत किसानों से दलहनों की खरीद करके उसका स्टॉक बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा।
किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तथा प्रचलित बाजार भाव- दोनों में से जो भी ऊंचा होगा उसका भुगतान किया जाएगा। तुवर खरीद के लिए शुरू होने वाला ई-पोर्टल सरकार के व्यापक विजन का एक संकेत है।
सरकार एक नई हरित क्रांति आरंभ कर रही है जिसमें गेहूं एवं चावल (धान) जैसी परम्परागत फसलों के साथ-साथ दलहनों एवं तिलहन फसलों को भी शामिल किया जाएगा।
घरेलू उत्पादन कम होने से भारत को विदेशों से विशाल मात्रा में दलहनों एवं खाद्य तेलों के आयात की आवश्यकता पड़ती है जिस पर भारी-भरकम बहुमूल्य विदेशी मुद्रा खर्च होती है। इस पर अंकुश लगाने के लिए स्वदेशी उत्पादन में अपेक्षित इजाफा होना आवश्यक है।
देश के प्रमुख उत्पादक राज्यों में ऊंचे दाम पर किसानों से तुवर की खरीद करने की पक्की व्यवस्था की जा रही है लेकिन यह देखना दिलस्चप होगा कि इस प्रयास में सरकार को कितनी सफलता मिलती है क्योंकि विश्लेषकों का मानना है कि कुछ समय तक नरम रहने के बाद तुवर का भाव आगामी महीनों में पुनः तेज हो सकता है।