रांची, 26 जून (आईएएनएस)। रांची स्थित पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग) कोर्ट ने अलकतरा घोटाले के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग के दोषी पाए गए कलावती कंस्ट्रक्शन नामक कंपनी के मालिक विजय तिवारी को तीन साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। उनके ऊपर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। यह मामला वर्ष 2008-09 से लेकर 2011-12 के बीच का है। झारखंड सरकार के पथ निर्माण विभाग ने वर्ष 2008-09 में राज्य के लातेहार जिला अंतर्गत बालूमाथ से लेकर हेरहंज-पाकी को जोड़ने वाली सड़क की मरम्मत का ठेका कलावती कन्स्ट्रक्शन को सौंपा था। यह कार्य 1.32 करोड़ का था। विभाग ने इसके एवज में कंपनी को एक करोड़ 9 लाख रुपए का भुगतान कर दिया था।
बाद में जांच के दौरान पाया गया कि कन्स्ट्रक्शन कंपनी के मालिक विजय तिवारी ने अलकतरा खरीद के नाम पर 11 फर्जी बिल जमाकर रकम का भुगतान पा लिया था। कंपनी की ओर से कुल 13 बिल जमा किए गए थे। इनमें से 11 बिल फर्जी पाए गए थे और इनके जरिए 55 लाख 42 हजार रुपए की गलत तरीके से निकासी की गई थी।
इस मामले में वर्ष 2012 में एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद ईडी ने इसकी जांच शुरू की थी। कोर्ट में केस के ट्रायल के दौरान ईडी की ओर से 18 गवाह और कई साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। ईडी की ओर से विशेष लोक अभियोजक शिव कुमार उर्फ काका ने पक्ष रखा। कोर्ट ने इस मामले में पहले ही विजय तिवारी को दोषी करार दिया था। अब, सजा सुनाई गई है।
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