चेन्नई, 30 अक्टूबर (आईएएनएस)। तमिलनाडु के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने स्वास्थ्य विभाग से उन स्नातकोत्तर डॉक्टरों पर कार्रवाई करते हुए उनसे बांड राशि वसूल करने की मांग की है जो राज्य के 21 सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों से कथित तौर पर लापता हैं।कार्यकर्ता सी. आनंदराज ने मीडिया को बताया कि राज्य स्वास्थ्य सेवाओं को ज्वाइन करने वाले स्नातकोत्तर डॉक्टरों के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ 40 लाख रुपये के बांड पर हस्ताक्षर करना अनिवार्य है। इस बांड का उल्लंघन करने वाले डॉक्टरों को सरकार द्वारा जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
आनंदराज ने इन लापता डॉक्टरों की पहचान करने, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने और बांड की राशि वसूलने के लिए एक आईएएस अधिकारी के नेतृत्व में एक समिति के गठन की भी मांग की।
इन डॉक्टरों ने राज्य के साथ एक सुरक्षा बांड पर हस्ताक्षर किए थे। इस बांड में नौकरी को लेकर सभी जरूरी प्रतिबद्धता शामिल होती है, जिसका उन्होंने कथित तौर पर उल्लंघन किया है।
उपलब्ध जानकारी के अनुसार, तमिलनाडु के सरकारी संस्थानों के सैकड़ों डॉक्टर अपनी ड्यूटी से लगातार अनुपस्थित हैं।
राज्य स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि गायब डॉक्टर चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान निदेशालय (डीएमईएंडआर) के तहत 21 सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों से थे।
चेन्नई के थिंक टैंक सेंटर फॉर पॉलिसी एंड डेवलपमेंट स्टडीज (सीपीडीएस) के निदेशक सी. राजीव ने कहा, "ये डॉक्टर राज्य कोटे के तहत स्नातकोत्तर सीटों में 50 प्रतिशत आरक्षण का लाभ उठाते हुए सरकारी मेडिकल कॉलेजों में शामिल हुए। पर्याप्त वेतन के साथ तीन साल की छुट्टी लेने के बाद उन्होंने ज्यादा वेतन के लिए निजी अस्पतालों की नौकरी कर ली। उन्हें इस उल्लंघन के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।''
राजीव ने उन डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत पर जोर दिया जो अपनी बॉन्ड की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में विफल रहते हैं। कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि वह बॉन्ड की शर्तों का उल्लंघन करने वाले इन डॉक्टरों को दंडित करने के लिए तेजी से कार्रवाई करे।
तमिलनाडु राज्य स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि इस मामले की विभागीय जांच चल रही है। हालांकि, कार्यकर्ताओं ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग इन डॉक्टरों को वापस बुलाने या बॉन्ड की राशि वापस लेने के लिए किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
--आईएएनएस
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