कोलकाता, 24 अगस्त (आईएएनएस)। कोलकाता पुलिस जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) के फ्रेशर छात्र की रहस्यमय मौत की जांच कर रही है। इस दौरान पुलिस को कथित तौर पर सुराग मिले हैं कि जेयू के छात्रों ने हॉस्टल परिसर के भीतर गमलों में गांजा (मारिजुआना) उगाने का प्रयास किया था।बांग्ला ऑनर्स प्रथम वर्ष के छात्र की 10 अगस्त को एक हॉस्टल की बालकनी से गिरने के बाद मौत हो गई थी। आशंका है कि छात्र रैगिंग का शिकार हुआ था। पुलिस को सुराग मिले हैं कि जिन सीनियर छात्रों ने छात्र (मृतक) के कपड़े उतारकर उसके साथ अमानवीय रैगिंग की थी, वे शराब या किसी अन्य नशे की हालत में थे।
पुलिस को कथित तौर पर मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए कुछ मौजूदा और पूर्व छात्रों के सेलफोन से प्राप्त डेटा से छात्रावास परिसर के भीतर गमलों में गांजा उगाने के प्रयासों के बारे में सुराग मिले।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, छात्रों के हॉस्टल के ए2 ब्लॉक में गांजा उगाने की कोशिश की गई थी। हालांकि, तलाशी के दौरान पुलिस को गांजे के बीज के निशान वाले गमले नहीं मिले। पुलिस का मानना है कि 'हादसे' के तुरंत बाद आरोपियों ने इन मिट्टी के गमलों को या तो नष्ट कर दिया या हटा दिया, उन्हें डर था कि बाद में मामला बड़ा हो सकता है।
नए छात्र की रैगिंग से हुई मौत के मामले में जेयू के वर्तमान और पूर्व छात्रों समेत 12 लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। ये सभी फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं, जबकि यूनिवर्सिटी के कुछ और वर्तमान और पूर्व छात्र पुलिस की रडार पर हैं।
इस बीच, राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने गुरुवार को जेयू के नवनियुक्त अंतरिम कुलपति बुद्धदेव साव को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा निर्धारित रैगिंग विरोधी दिशानिर्देशों को तुरंत विश्वविद्यालय में लागू करने का निर्देश दिया।
राज्यपाल ने यह भी पूछा कि विश्वविद्यालय परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाने में देरी क्यों हो रही है।
--आईएएनएस
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