नई दिल्ली, 25 जनवरी (आईएएनएस)। अंतरराज्यीय हथियार तस्करी गिरोह के सरगना और हिमांशु उर्फ भाऊ के सहयोगी को पुलिस ने दो महीने की व्यापक तलाश के बाद गिरफ्तार किया है। दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल (NS:SAIL) के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि आरोपी दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में अपराधियों को हथियार और गोला-बारूद की सप्लाई करता था। अधिकारी ने कहा कि आरोपी की पहचान इंतजार राणा उर्फ लंगड़ा के रूप में हुई है, जो आदतन अपराधी है। वह दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में दर्ज हत्या, हत्या के प्रयास, चोरी, डकैती, दंगों सहित 21 से अधिक जघन्य आपराधिक मामलों में शामिल है।
स्पेशल सेल के डीसीपी आलोक कुमार ने कहा कि मध्य प्रदेश के सेंधवा, खरगोन, धार व बुरहानपुर और बिहार के मुंगेर समेत देश के विभिन्न हिस्सों से दिल्ली में अवैध हथियार आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ शुरू किए गए अभियान के तहत ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।
डीसीपी ने कहा कि एक पुलिस टीम को राणा के नेतृत्व वाले हथियार सिंडिकेट की अवैध गतिविधियों के बारे में जानकारी थी। राणा के बारे में जानकारी विकसित करने के लिए मैन्युअल निगरानी रखी गई थी। उसकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए यूपी, मध्य प्रदेश और हरियाणा में विभिन्न स्थानों पर टीमें भेजी गईं।
डीसीपी ने कहा, "20 जनवरी को विशिष्ट सूचना मिलने के बाद, राणा को पेपर मार्केट डीडीए पार्क सर्कल (गाजीपुर) के पास से पकड़ लिया गया। उसके कब्जे से एक सेमी-ऑटोमेटिक अत्याधुनिक पिस्तौल और तीन जिंदा कारतूस बरामद किए गए।"
पूछताछ के दौरान, उसने खुलासा किया कि वह अवैध हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति के सौदे को अंतिम रूप देने के लिए हिमांशु भाऊ गिरोह के एक सदस्य साधु से मिलने दिल्ली आया था।
डीसीपी ने कहा कि राणा ने यह भी खुलासा किया कि उसे मध्य प्रदेश के बुरहानपुर के एक निवासी से हथियार और गोला-बारूद मिलता था। यह व्यक्ति अवैध हथियार बनाने और दिल्ली-एनसीआर, यूपी, हरियाणा और आसपास के राज्यों में सप्लाई करने में लगा हुआ था।
अधिकारी ने कहा कि राणा ने स्वीकार किया कि वह लगभग 20 वर्षों से अवैध हथियारों की आपूर्ति कर रहा है।
जनवरी 2022 में एक अवैध अथियार निर्माण फैक्ट्री (जो बझेरा कलां में उनके घर पर चल रही थी) का यूपी पुलिस ने भंडाफोड़ किया था। छापेमारी के दौरान 18 पिस्तौल, विनिर्माण उपकरण और कच्चा माल बरामद किया गया था।
डीसीपी ने आगे कहा कि इस मामले में जमानत पर रिहा होने के बाद उसने नीरज बवाना और हिमांशु भाऊ गिरोह के सदस्यों को हथियार सप्लाई करना शुरू कर दिया। उसने खुलासा किया कि वह मध्य प्रदेश में सप्लायरों से 10,000 रुपये में एक पिस्तौल खरीदता था।
वह इन पिस्तौलों को दिल्ली-एनसीआर के अपराधियों/गैंगस्टरों सहित विभिन्न लोगों को 20,000 से 25,000 रुपये तक प्रति पिस्तौल बेचता था। जब दोनों यूपी की डासना जेल में बंद थे तो राणा एक लोकेंद्र के माध्यम से हिमांशु भाऊ गिरोह के संपर्क में आया। साल 2023 में वह पांच मामलों में शामिल था जिसमें हिमांशु भाऊ शामिल था।
--आईएएनएस
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