नई दिल्ली, 17 अगस्त (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को बैंकों को 3 लाख रुपये तक के अल्पावधि कृषि ऋण प्रदान करने के लिए 1.5 प्रतिशत प्रतिवर्ष की ब्याज सहायता प्रदान करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।ब्याज सबवेंशन दो वित्तीय वर्षो यानी 2022-23 से 2024-25 की अवधि के लिए प्रदान किया जाएगा। ब्याज सबवेंशन में इस वृद्धि के लिए 34,856 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजटीय प्रावधान की आवश्यकता होगी।
कैबिनेट की बैठक के बाद, केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मीडिया को बताया कि इस कदम का उद्देश्य उन बैंकों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है जो संशोधित ब्याज सबवेंशन योजना के तहत किसानों को अल्पकालिक ऋण देते हैं, इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि हाल के महीनों में रेपो दरों में बढ़ोतरी की गई है।
इस निर्णय से यह भी सुनिश्चित होगा कि किसानों को अल्पकालिक ऋण सुविधा जारी रहे और उन्हें ऋण पर उच्च ब्याज दर का भुगतान नहीं करना पड़े।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि ब्याज सबवेंशन में वृद्धि से कृषि क्षेत्र में ऋण प्रवाह की स्थिरता सुनिश्चित होगी और साथ ही वित्तीय स्वास्थ्य और ऋण देने वाली संस्थाओं, विशेष रूप से क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों की व्यवहार्यता सुनिश्चित होगी, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पर्याप्त कृषि ऋण सुनिश्चित होगा।
ब्याज सबवेंशन योजना के तहत किसानों को 7 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण प्रदान किया जाता है। ऋण का समय पर भुगतान करने पर, किसानों को ऋण पर केवल 4 प्रतिशत ब्याज देना पड़ता है क्योंकि उन्हें 3 प्रतिशत ब्याज सबवेंशन मिलता है।
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