नई दिल्ली, 30 मार्च (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मोहन स्टील लिमिटेड के पूर्व निदेशकों मोहन कृष्ण केजरीवाल, गोपाल केजरीवाल और श्रीकृष्ण केजरीवाल को 7,500 करोड़ रुपये की कथित कंपनी धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया।जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एम.एम. सुंदरेश उस मामले में अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई कर रहे थे, जिसमें रोटोमैक ग्रुप ऑफ कंपनीज और फ्रॉस्ट इंटरनेशनल लिमिटेड के प्रमोटर और निदेशक भी मुकदमे का सामना कर रहे हैं।
याचिकाकर्ताओं के वकील की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने नोटिस जारी किया, जिसे दो सप्ताह के भीतर वापस किया जा सकता है।
अदालत ने आदेश में कहा, इस बीच, याचिकाकर्ताओं को गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन जांच में सहयोग करना चाहिए।
गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) ने रोटोमैक समूह की कंपनियों की जांच का नेतृत्व किया और मई 2020 में शिकायत दर्ज की।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और सिद्धार्थ दवे ने किया, जिन्हें वरिष्ठ साथी संदीप कपूर के नेतृत्व में करंजावाला एंड कंपनी की एक टीम ने जानकारी दी और जिसमें ताहिरा करंजावाला, निहारिका करंजावाला, अपूर्व पांडे, अर्जुन शर्मा, जी.जी. कश्यप, वरदान वांचू, काजल और श्रेयस माहेश्वरी।
रोहतगी ने पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि याचिकाकर्ता संख्या 1 का बयान दर्ज किया गया था, जबकि याचिकाकर्ता संख्या 2 और 3 को बयान दर्ज करने के लिए नहीं बुलाया गया था। उन्होंने प्रस्तुत किया कि याचिकाकर्ता एक स्टील मिल चलाते हैं और उनका किसी भी बैंक का कोई पैसा नहीं है।
मामले को 6 सप्ताह में आगे की कार्यवाही के लिए पीठ के समक्ष लाया जाना है।
--आईएएनएस
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