iGrain India - चंडीगढ़ । इस वर्ष जुलाई में पंजाब में सामान्य औसत से करीब 44 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई जो पिछले दो दशकों में सबसे ज्यादा रही। मानसून इस बार पंजाब पर जरुरत से ज्यादा मेहरबान रहा। राज्य के कम से कम एक दर्जन जिलों में सामान्य स्तर से बहुत अधिक बारिश हुई।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के चंडीगढ़ केन्द्र की रिपोर्ट के अनुसार पंजाब में इस वर्ष जुलाई माह के दौरान 231.8 मि०मी० वर्षा हुई जो सामान्य औसत स्तर 161.4 मि०मी० से 44 प्रतिशत अधिक रही।
पंजाब के कुल 23 में से 12 जिलों में जुलाई माह के दौरान सामान्य औसत से बहुत अधिक बारिश हुई जहां बाढ़ का खतरा भी देखा गया। इसके अलावा छह जिलों में सामान्य या इससे अधिक वर्षा दर्ज की गई।
चार जिलों में सामान्य से कम वर्षा हुई। केवल श्री मुक्तसर साहिब ऐसा अकेला जिला रहा जहां बारिश का अभाव देखा गया और कुल वर्षा सामान्य औसत की तुलना में 60 प्रतिशत कम हुई।
अत्यधिक वर्षा एवं भयंकर बाढ़ से पंजाब में हजारों हेक्टेयर क्षेत्र में धान की फसल क्षतिग्रस्त हो गई और वहां इसकी दोबारा रोपाई भी संभव नहीं हो सकी।
राज्य के पांच जिलों- फरीदकोट, तरन तारन, फिरोजपुर, मोहाली एवं रूपनगर में सामान्य औसत के मुकाबले क्रमश: 165 प्रतिशत, 151 प्रतिशत, 139 प्रतिशत, 126 प्रतिशत एवं 107 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई। पटियाला जिले में 71 प्रतिशत ज्यादा बारिश दर्ज की गई।
हरियाणा में भी 59 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई। वहां 12 जिलों में बहुत अधिक, 4 जिलों में अधिक एवं सात जिलों में सामान्य बारिश दर्ज की गई।