iGrain India - नई दिल्ली । पिछले अनेक सप्ताहों तक एक निश्चित दायरे में सीमित उतार-चढ़ाव के साथ लगभग स्थिर रहने के बाद चना का भाव अब धीरे-धीरे सुधरने लगा है। समझा जाता है कि इसमें बेसन निर्माताओं की अच्छी मांग निकलने लगी है।
वैसे चना के दाम में बेतहाशा बढ़ोत्तरी होने की संभावना नहीं है क्योंकि केन्द्र सरकार के पास इसका विशाल स्टॉक मौजूद है जिसे बाजार में उतार कर इसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाई जा सकती है।
सरकार पहले से ही नैफेड, एनसीसीएफ, केन्द्रीय भंडार तथा सफल के आउटलेट्स पर 60 रुपए प्रति किलो की दर से चना दाल की बिक्री कर रही है जबकि 30 किलो की थैली के लिए चना दाल का दाम 55 रुपए निर्धारित कर रखा है।
चना सर्वाधिक का उत्पादन एवं उपयोग वाला दलहन है। समीक्षकों के अनुसार चना साबुत, बेसन एवं दाल के दाम में आ रही तेजी से आम उपभोक्ताओं की कठिनाई बढ़ेगी।
हालांकि तुवर एवं उड़द तथा मूंग की तुलना में चना का भाव नीचे रहता है जिससे यह आम लोगों का दलहन माना जाता है लेकिन अब यह भी तेज होने लगा है।
उद्योगों-व्यापार क्षेत्र के अनुसार सरकारी एजेंसियों के पास लगभग 35-36 लाख टन चना का विशाल स्टॉक मौजूद है। पहले इसे राज्यों को बेचने का भरसक प्रयास किया गया मगर उसमें ज्यादा सफलता नहीं मिली।
अब खुले बाजार में इसका स्टॉक उतारा जा सकता है। अभी तक स्टॉक इसलिए नहीं उतारा गया क्योंकि इसकी खरीद प्रक्रिया चल रही थी जो अब समाप्त हो चुकी है।
2023 के रबी मार्केटिंग सीजन हेतु चना का न्यूनतम समर्थन मूल्य 533 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है और लम्बे अंतराल के बाद बाजार भाव इस समर्थन मूल्य से ऊपर पहुंचा है।
चना के दाम में आई तेजी से बड़े-बड़े उत्पादकों एवं स्टाकिस्टों को फायदा होगा क्योंकि छोटे-छोटे किसान अपना अधिकांश स्टॉक पहले ही बेच चुके हैं। त्यौहारी सीजन से पूर्व दाल मिलर्स की मांग निकलने एवं उसके पास स्टॉक सीमित होने से चना के दाम में तेजी आई है।
कुछ व्यापारियों का मानना है कि लम्बे समय से अरहर एवं उड़द का भाव ऊंचे स्तर पर मौजूद रहने का कुछ असर अब चना पर पड़ने लगा है।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार प्रमुख खपत केन्द्रों में 1 जुलाई से 12 अगस्त के दौरान चना के दाम में करीब 12 प्रतिशत का इजाफा हुआ जबकि महत्वपूर्ण व्यापारिक केन्द्रों में काबुली चना के भाव में 14 से 29 प्रतिशत तक की तेजी दर्ज की गई।
इस अवधि में बेसन का मूल्य भी 10-12 प्रतिशत बढ़ गया। उपभोक्ता मामले विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि 1 जुलाई से 12 अगस्त के बीच दिल्ली में चना दाल (साबुत नहीं) का भाव थोक मंडी में 5750 रुपए प्रति क्विंटल से 11.3 प्रतिशत बढ़कर 6400 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया।
साबुत चना में खुदरा महंगाई की दर जनवरी 2023 में 1.18 प्रतिशत रही थी जो जून में बढ़कर 2.97 प्रतिशत हो गई जबकि अरहर (तुवर) में खुदरा महंगाई की दर इसी अवधि में 10.94 प्रतिशत से उछलकर 27.50 प्रतिशत पर पहुंच गई।