मुंबई, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को शहरी सहकारी बैंकों के लिए बुलेट पुनर्भुगतान योजना के तहत दिए जाने वाले स्वर्ण ऋण की मौद्रिक सीमा दो लाख रुपये से बढ़ाकर चार लाख रुपये करने की घोषणा की। यह सिर्फ उन्हीं बैंको के लिए लागू होगा जिन्होंने 31 मार्च 2023 तक समग्र प्राथमिक क्षेत्र ऋण (पीएसएल) का लक्ष्य और उप लक्ष्य पूरा कर लिया है।आरबीआई के एक बयान के अनुसार, इन बैंकों को उसके बाद लक्ष्य और उप-लक्ष्यों को पूरा करना जारी रखना होगा और इस मामले पर विस्तृत दिशानिर्देश अलग से जारी किए जाएंगे।
केंद्रीय बैंक ने कहा कि यह कदम 31 मार्च 2023 तक निर्धारित पीएसएल लक्ष्यों को पूरा करने वाले यूसीबी को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
यूसीबी ने छोटे और सीमांत उधारकर्ताओं की वित्त पोषण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बुलेट भुगतान योजना के तहत सोने और सोने के आभूषणों के खिलाफ ऋण की सीमा को दो लाख रुपये से बढ़ाकर पाँच लाख रुपये करने की मांग की थी।
आरबीआई ने 2007 में शुरू में एक लाख रुपये तक के स्वर्ण ऋण के बुलेट पुनर्भुगतान की अनुमति दी थी, जिसे बाद में 2014 में बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दिया गया। पुनर्भुगतान को 12 महीने तक सीमित कर दिया गया।
इस योजना को अब और अधिक उदार बना दिया गया है।
--आईएएनएस
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