कोलकाता, 2 नवंबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में राशन घोटाला मामले में गिरफ्तार वन मंत्री ज्योति प्रिय मल्लिक को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद ने कोलकाता स्थित कमांड अस्पताल को निर्देश दिया कि वह मंत्री को प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत की अवधि 8 नवंबर को समाप्त होने तक वहां आवश्यक उपचार की अनुमति दे।न्यायाधीश ने आदेश दिया कि उस समय तक ईडी के अधिकारी गिरफ्तार मंत्री को नियमित चिकित्सा जांच के लिए दक्षिण कोलकाता के कमांड अस्पताल ले जा सकेंगे।
एकल न्यायाधीश पीठ ने यह भी निर्देश दिया कि अंतरिम अवधि के दौरान मल्लिक का आवश्यक उपचार भी कमांड अस्पताल में ही किया जा सकता है।
हालांकि, न्यायमूर्ति प्रसाद ने कहा कि बाद के चरण में मल्लिक के इलाज की जिम्मेदारी से राहत की मांग करने वाली कमांड अस्पताल के अधिकारियों की याचिका पर 8 नवंबर के बाद ही विचार किया जा सकता है, जब मल्लिक को कोलकाता की एक विशेष अदालत में पेश किया जाएगा।
पश्चिम बंगाल के वर्तमान वन मंत्री और राज्य के पूर्व खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री मल्लिक को राज्य में करोड़ों रुपये के राशन वितरण अनियमितता मामले में पिछले हफ्ते ईडी ने गिरफ्तार किया था। वह वर्तमान में कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके में साल्ट लेक कार्यालय में केंद्रीय एजेंसी की हिरासत में है।
कोलकाता की एक विशेष अदालत ने पिछले हफ्ते निर्देश दिया था कि मल्लिक का आवश्यक इलाज उनकी हिरासत अवधि के दौरान कमांड अस्पताल में किया जाएगा, जो सोमवार शाम से शुरू हुई है।
हालांकि, कमांड अस्पताल के अधिकारियों ने पिछले सप्ताह आदेश में संशोधन की मांग करते हुए उसी विशेष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
अस्पताल के अधिकारियों ने तर्क दिया कि वे न केवल पश्चिम बंगाल बल्कि कई पूर्वोत्तर राज्यों के वर्तमान और पूर्व रक्षा कर्मियों और उनके परिवार के सदस्यों के इलाज के प्रबंधन में पहले से ही बहुत दबाव में हैं, इसलिए वे मंत्री के इलाज का अतिरिक्त बोझ उठाने में असमर्थ हैं।
हालांकि, विशेष अदालत ने पिछले आदेश पर पुनर्विचार की याचिका खारिज कर दी।
बुधवार को कमांड अस्पताल के अधिकारियों ने विशेष अदालत के आदेश के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसकी सुनवाई गुरुवार को हुई।
--आईएएनएस
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