कोलकाता, 17 नवंबर (आईएएनएस)। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने शुक्रवार को सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के अत्याचारों से अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को बचाने में अनिच्छुक होने के लिए मार्क्सवादी नेतृत्व पर हमला करते हुए माकपा के जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के प्रति सहानुभूति व्यक्त की।सोमवार को तृणमूल कांग्रेस नेता सैफुद्दीन लश्कर की हत्या के बाद जवाबी कार्रवाई में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। मुख्य रूप से मारे गए तृणमूल कांग्रेस नेता के फॉलोअर्स की हिंसक भीड़ ने माकपा कार्यकर्ताओं के 12 घरों को आग लगा दी थी।
गुरुवार को फिर से, पुलिस ने संदिग्ध मास्टरमाइंड के रूप में क्षेत्र में सक्रिय माकपा कार्यकर्ता अनीसुर लश्कर को गिरफ्तार किया था। इन मुद्दों का जिक्र करते हुए विपक्ष के नेता ने जमीनी स्तर के पार्टी कार्यकर्ताओं के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए माकपा नेतृत्व पर निशाना साधा।
अधिकारी ने शुक्रवार दोपहर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, ''माकपा नेतृत्व जमीनी स्तर के पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ खड़े होने के बारे में गंभीर नहीं है, जो पार्टी के झंडे को ऊंचा रखने के लिए रोजाना सत्तारूढ़ दल और पुलिस प्रशासन के हमले का सामना कर रहे हैं।
मुझे ऐसे जमीनी स्तर के माकपा कार्यकर्ताओं से नियमित संदेश मिल रहे हैं जो इस मामले में अपने नेतृत्व के ढुलमुल रवैये की शिकायत कर रहे हैं। माकपा और तृणमूल कांग्रेस दोनों इंडिया गठबंधन में सहयोगी हैं। यही कारण है कि माकपा नेतृत्व को अपने जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की सुरक्षा की कोई चिंता नहीं है।''
यह पहली बार नहीं है कि विपक्ष के नेता ने न केवल माकपा बल्कि कांग्रेस के कथित असंतुष्ट कार्यकर्ताओं को भगवा खेमे की ओर आकर्षित करने के लिए इस रणनीति का इस्तेमाल किया है। 'ममता को कोई वोट नहीं' की कहानी गढ़ने के अलावा, उन्होंने कथित तौर पर माकपा और कांग्रेस में असंतुष्ट जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं और यहां तक कि मध्य स्तर के नेताओं को सलाह दी है कि वे या तो सीधे भाजपा में शामिल हों या अलग तृणमूल कांग्रेस विरोधी मंच बनाएं।
माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य डॉ. सुजन चक्रवर्ती ने सुवेंदु अधिकारी की टिप्पणियों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। चक्रवर्ती ने कहा, ''पहले सुवेंदु अधिकारी को अपनी पार्टी को बचाने की कोशिश करनी चाहिए। 2021 के विधानसभा चुनाव के बाद से इतने सारे बीजेपी विधायक तृणमूल कांग्रेस में चले गए हैं और ये सिलसिला जारी है। उन्हें हमारे बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।''
--आईएएनएस
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