इंफाल, 24 जुलाई (आईएएनएस)। असम राइफल्स ने राज्य के मैतेई समुदाय के नागरिक समाज निकाय, मणिपुर इंटीग्रिटी पर समन्वय समिति (सीओसीओएमआई) के खिलाफ देशद्रोह और मानहानि का मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
सीओसीओएमआई द्वारा लोगों को "हथियार सरेंडर न करने" के लिए कहने के बाद, असम राइफल्स ने चुराचांदपुर पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज कराई।
इंफाल के अधिकारियों के अनुसार, हाल ही में राजद्रोह से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए व धारा 153 ए आईपीसी, धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देनेे के मााााम में केस दर्ज कराया गया।
रिपोर्टों में दावा किया गया है कि 3 मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद भीड़ और उपद्रवियों ने विभिन्न पुलिस स्टेशनों और चौकियों से 4,000 से अधिक हथियार और लाखों गोला-बारूद लूट लिए।
छापेमारी के दौरान सेना, असम राइफल्स, विभिन्न अन्य केंद्रीय बलों और मणिपुर पुलिस ने अब तक लूटे गए लगभग आधे हथियार और गोला-बारूद बरामद कर लिया है।
29 मई से 1 जून तक चार दिनों के लिए मणिपुर का दौरा करने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और मणिपुर पुलिस ने लोगों से कानूनी कार्रवाई की चेतावनी देते हुए लूटे गए हथियार जमा करने की अपील की थी।
शाह को हाल ही में दिए एक ज्ञापन में सीओसीओएमआई, जो मूल रूप से जून में राज्यपाल अनुसुइया उइके की अध्यक्षता में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा गठित शांति समिति का हिस्सा था, ने असम राइफल्स के स्थान पर किसी अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल को शामिल करने की मांग की थी।
विभिन्न नागरिक समाज संगठनों ने आरोप लगाया है कि सेना और असम राइफल्स द्वारा विभिन्न अवसरों पर महिला प्रदर्शनकारियों पर हमला किया गया।
हालांकि, रक्षा सूत्रों ने आरोपों से इनकार किया है।
सेना और असम राइफल्स ने यह भी दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने कई मौकों पर कर्तव्यों का पालन करने और सशस्त्र उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई करने में बाधाएं पैदा कीं।
--आईएएनएस
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