नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के 14 शोधार्थी मौजूदा चरण के लिए प्रधानमंत्री शोध फेलोशिप के लिए चयनित हुए हैं। इस फेलोशिप के अंतर्गत पहले दो वर्षों में शोधार्थियों को 70,000 रुपये प्रति माह, तीसरे वर्ष में 75,000 रुपये प्रति माह तथा चौथे व पांचवे वर्ष में 80,000 रुपये प्रतिमाह की राशि प्राप्त होगी है। इस योजना के अंतर्गत चयनित शोधार्थियों को आकर्षक फेलोशिप राशि तथा अनुसंधान अनुदान मिलता ही है। इसके साथ ही फेलोशिप के दौरान एक शोधार्थी पांच वर्ष तक 2 लाख रुपये प्रतिवर्ष यानी कुल दस लाख रुपये के अनुसंधान अनुदान भी प्राप्त कर सकता है। पहले इस योजना में चार छात्र ही चुने गए थे लेकिन अब इनकी संख्या बढ़कर 14 हो गई है। यह योजना देश के चयनित केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के लिए उपलब्ध है। इसका उद्देश्य श्रेष्ठ प्रतिभाओं को अनुसंधान की ओर आकर्षित कर उच्च गुणवत्ता के शोध को प्रोत्साहित करना है।
भारत सरकार द्वारा 2018-19 के वार्षिक बजट में इस योजना की घोषणा की गई थी। बीएचयू के मुताबिक जिन शोधार्थियों का पीएमआरएफ के लिए चयन हुआ है वे हैं – बंदन कुमार, एंदवी मैत्रा, कुहू माधव, आर बी अनंत, राजू राय, तथा सुदीप भूनिया (भौमिकी विभाग), दीपिका शर्मा, कर्मदेव प्रजापति, निखिल श्रीवास्तव, तथा रितेश तोलानी (रसायनशास्त्र विभाग), अंकिता गुप्ता (पर्यावरण एवं धारणीय विकास संस्थान), गरिमा कंडवाल (जैव रसायन विभाग), प्रशस्ति पाण्डेय (वनस्पति विज्ञान विभाग), तथा स्योना तिवारी (बायोइन्फोर्मेटिक्स विभाग)।
बीएचयू के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा है कि विद्यार्थियों तथा शोधार्थियों को उन्नति व उत्कृष्टता के अवसर उपलब्ध कराने हेतु विश्वविद्यालय द्वारा सराहनीय प्रगति की गई है।
उन्होंने कहा, “हमने प्रक्रियात्मक तथा व्यवस्थागत स्तर पर कुछ प्रभावी बदलाव किए हैं, जिससे महत्वपूर्ण योजनाओं तथा अध्येतावृत्ति हेतु बीएचयू की अधिक प्रतिभागिता सुनिश्चित की जा सके। बीएचयू से अधिक संख्या में शोधार्थियों को पीएमआरएफ मिलना विश्वविद्यालय के इन्हीं प्रयासों की सफलता को प्रदर्शित करता है। हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में हम अपना प्रदर्शन और बेहतर करेंगे।”
बीएचयू में पीएमआरएफ की समन्वयक प्रो. मौशुमी मुतसुद्दी (मॉलिक्यूलर व ह्यूमन जेनेटिक्स विभाग) ने बताया कि कोर्सवर्क पाठ्यक्रम में बदलाव तथा परीक्षा परिणामों को समय पर घोषत करने से इस प्रक्रिया में बीएचयू के प्रदर्शन को बेहतर करने में मदद मिली।
उन्होंने बताया कि 4 से बढ़ कर 14 शोधार्थियों को यह प्रतिष्ठित फेलोशिप मिलना काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिवार के लिए अत्यंत गर्व व प्रसन्नता का क्षण है। इस योजना के लिए राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित अत्यंत प्रतिस्पर्धी व गहन चयन प्रक्रिया के बाद शोधार्धी चुने जाते हैं।
--आईएएनएस
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