कोलकाता, 17 अगस्त (आईएएनएस)। कथित तौर पर रैगिंग के कारण 10 अगस्त को एक नए छात्र की दुर्भाग्यपूर्ण मौत पर जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) के अधिकारियों की पहली रिपोर्ट से असंतुष्ट विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने जेयू अधिकारियों को एक नया नोटिस भेजकर कई बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा है।जेयू ने इस सप्ताह की शुरुआत में आयोग को पहली रिपोर्ट भेजी थी।
ताजा नोटिस जेयू रजिस्ट्रार स्नेहोमोनजू बसु द्वारा मंगलवार दोपहर को यूजीसी के पहली रिपोर्ट पर संतुष्टि व्यक्त करने के दावे के ठीक 48 घंटे बाद आया है। बसु ने यह भी दावा किया था कि आयोग रिपोर्ट से इतना संतुष्ट है कि उसने 16 अगस्त को विश्वविद्यालय में अपने एंटी-रैगिंग सेल (NS:SAIL) के सदस्यों को भेजने का कार्यक्रम भी रद्द कर दिया है।
जेयू अधिकारियों को गुरुवार दोपहर एक ईमेल के माध्यम से पहुंचे दूसरे नोटिस में यूजीसी ने सवाल किया है कि क्या विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा नए छात्रों को वितरित किए गए ब्रोशर में जेयू की रैगिंग-हेल्पलाइन और एंटी-रैगिंग समिति के संपर्क नंबर शामिल थे।
यूजीसी ने यह भी सवाल किया है कि क्या जेयू अधिकारियों ने छात्रों से रैगिंग में शामिल होने पर मिलने वाली सजा को समझने का अंडरटेकिंग लिया था। आयोग ने यह भी सवाल किया कि क्या जेयू अधिकारियों को इस संबंध में अभिभावकों से अलग से शपथ पत्र मिला था।
आयोग ने यह भी सवाल किया है कि क्या जेयू अधिकारी प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत से पहले शिक्षकों, वार्डन, छात्रों के प्रतिनिधियों, अभिभावकों और पुलिस सहित स्थानीय प्रशासन के साथ बैठकें आयोजित करने की प्रथा का पालन करते हैं।
अंत में, आयोग ने फिर से सवाल किया है कि क्या जेयू अधिकारियों ने नए या प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए एक अलग छात्रावास बनाया था, जिसमें वरिष्ठ छात्रों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिये था।
जेयू अधिकारियों को इस नोटिस की प्राप्ति के 24 घंटे के भीतर आयोग को यह स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है।
--आईएएनएस
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