iGrain India - नई दिल्ली । अधिमास (मलमास) की वजह से इस बार देश में त्यौहारी सीजन देर से शुरू होने वाला है अन्यथा पहले ही आरंभ हो चुका होता। जुलाई में देश के अनेक राज्यों में बाढ़-वर्षा का प्रकोप देखा गया जिससे चीनी की घरेलू मांग प्रभावित हुई।
अब हालत धीरे-धीरे सामान्य होती जा रही है जिससे चीनी की औद्योगिक एवं त्यौहारी मांग बढ़ने की उम्मीद है। खाद्य महंगाई का स्तर ऊंचा होने से आम लोगों की परेशानी बढ़ी है और इसलिए चीनी कारोबार पर भी इसका असर पड़ा है।
चीनी का भाव सीमित उतार-चढ़ाव के साथ एक निश्चित सीमा में लगभग स्थिर बना हुआ है। पहले यह उम्मीद की जा रही थी कि इस्मा द्वारा अगले मार्केटिंग सीजन के लिए चीनी के उत्पादन में गिरावट आने का जो अनुमान लगाया गया है उसका घरेलू बाजार पर सकारात्मक मनोवैज्ञानिक असर पड़ेगा मगर केन्द्र सरकार ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए इस्मा के उत्पादन अनुमान को ख़ारिज कर दिया और कहा कि 2023-24 के सीजन में चीनी का घरेलू उत्पादन 2022-23 सीजन के लगभग बराबर ही रहेगा। इससे बाजार में तेजी आने की संभावना क्षीण पड़ गई।
यद्यपि त्यौहारी सीजन में चीनी की मांग एवं कीमत बढ़ने की परिपाटी रही है मगर इस बार हालात कुछ भिन्न हैं। विधानसभा चुनाव एवं बढ़ती महंगाई को देखते हुए सरकार अन्य खाद्य उत्पादों की भांति चीनी की कीमतों को भी नियंत्रित करने का हर संभव उपाय करेगी।
वैसे भी चीनी खुदरा बाजार भाव 40-45 रुपए प्रति किलो के ऊंचे स्तर पर चल रहा है इसलिए आगे इसमें भारी तेजी आने की उम्मीद नहीं की जा सकती है। लेकिन कुछ महत्वपूर्ण त्यौहारों के अवसर पर इसका दाम कुछ सुधर जाए तो कोई हैरानी की बात नहीं होगी।