पटना, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने जातीय गणना (सर्वे) को लेकर महागठबंधन के नेताओं को निशाने पर लेते हुए कहा कि जो लोग पूरे देश में जातीय सर्वे कराने की बात कर रहे हैं, वे बताएं कि कांग्रेस, टीएमसी, झामुमो के शासन वाले राज्यों में जातीय सर्वे अब तक क्यों नहीं हुआ।उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या नीतीश कुमार जातीय सर्वे कराने के लिए ममता बनर्जी को राजी कर पाएंगे। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव करीब देखकर जो कांग्रेस जातीय सर्वे कराने का वादा कर रही है, उसे बताना चाहिए कि यह काम पिछले चार साल में क्यों नहीं कराया गया।
सुशील मोदी ने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस की सिद्दारमैया सरकार ने 2015 में 200 करोड़ रुपये खर्च कर जो जातीय सर्वे कराया, उसकी रिपोर्ट जारी क्यों नहीं की गई। कर्नाटक के जातीय सर्वे की रिपोर्ट जारी कराने के लिए लालू प्रसाद को राहुल गांधी से बात करनी चाहिए।
भाजपा नेता ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में एक साल से कांग्रेस सरकार है। वहां जातीय सर्वे कराने की घोषणा अब तक क्यों नहीं की गई। कांग्रेस को चुनाव करीब आने पर ही जातीय सर्वे की याद आती है।
उन्होंने कहा कि राजीव गांधी ने मंडल आयोग का विरोध किया था। विडम्बना यह कि आज लालू प्रसाद और नीतीश कुमार की पार्टियां मंडल और पिछड़ा विरोधी कांग्रेस की पालकी ढो रही हैं। पिछड़े वर्ग के लिए प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने मात्र 9 साल में जो काम किए, वे काम केंद्र और राज्यों में 50 साल राज करने वाली कांग्रेस नहीं कर पायी।
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