मुंबई, 10 जनवरी (आईएएनएस)। बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल एन. धूत द्वारा आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन फ्रॉड केस में उनके खिलाफ एफआईआर को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को 3 दिन का समय दिया।न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज के. चव्हाण की खंडपीठ ने अब मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को तय की है।
सीबीआई के वकील कुलदीप पाटिल ने पहले अपना जवाब दाखिल करने के लिए कम से कम एक सप्ताह का समय मांगा।
26 दिसंबर, 2022 को गिरफ्तार किए गए 71 वर्षीय धूत ने अपनी याचिका में इस आधार पर जमानत मांगी है कि बिना किसी वारंट के उनकी गिरफ्तारी की गई है, जो अवैध और सीआरपीसी की धारा 41 और 41ए का उल्लंघन है।
उनके वकील संदीप लड्डा ने अदालत को सूचित किया कि धूत एक वरिष्ठ नागरिक हैं, जो गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। उन्हें तत्काल इलाज की आवश्यकता है। पिछले सात सालों में वह कई बार सर्जरी से गुजर चुके है और अस्पताल में भर्ती हुए हैं।
उनके वकील ने आगे कहा, धूत सीबीआई जांच में सहयोग कर रहे है। एजेंसी के सामने पेश भी हो रही है। सीबीआई गिरफ्तारी के लिए उनके असहयोग को एक आधार के रूप में साबित करने में विफल रही है। उन्हें बिना कारणों के गिरफ्तार कर लिया गया।
लड्डा ने कहा कि धूत को मनी-लॉन्ड्रिंग के एक जुड़े हुए मामले में गिरफ्तार किया गया था, जिसमें उन्हें बॉम्बे हाई कोर्ट ने पहले ही जमानत दे दी थी।
आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन ग्रुप फ्रॉड केस में चंदा कोचर और दीपक कोचर के साथ सह-अभियुक्त धूत ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध करार दिया और जमानत पर रिहा होने की मांग की।
संयोग से, आईसीआईसीआई बैंक (NS:ICBK) की पूर्व एमडी चंदा कोचर और उनके व्यवसायी पति दीपक कोचर को सोमवार को जमानत दे दी गई। उच्च न्यायालय ने उनकी गिरफ्तारी को कानूनों का उल्लंघन करार दिया था।
--आईएएनएस
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