इस्लामाबाद, 11 नवंबर (आईएएनएस)। गाजा में चल रहे इजरायल-हमास युद्ध ने पश्चिम और पूर्व के बीच एक स्पष्ट सीमांकन और अलगाव पैदा कर दिया है क्योंकि देश उग्र संघर्ष पर अपनी स्थिति स्थापित कर रहे हैं और 7 अक्टूबर से हुए रक्तपात पर गंभीर चिंता व्यक्त कर रहे हैं, जिसमें दोनों ओर से अब तक हजारों लोग मारे गए हैं।इस बीच पाकिस्तान सरकार और बड़े पैमाने पर जनता ने फिलिस्तीन और हमास का पक्ष लिया है और इजरायली हमले को अमानवीय, निरंतर और घातक बताया है।
पाकिस्तान के अंतरिम प्रधानमंत्री अनवर उल हक काकर ने इजरायल को आक्रामक और उत्पीड़क करार दिया है। उन्होंने यहूदी राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय कानूनों के उल्लंघन और गाजा तथा वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनियों के नरसंहार के स्पष्ट इरादे के माध्यम से युद्ध अपराध करने पर आंतरिक ध्यान देने का आह्वान किया।
एक महीने से अधिक समय से गाजा के लोगों को सबसे खराब सामूहिक दंड का सामना करना पड़ रहा है। इजरायली सेनाएं बेधड़क मानवता के विरुद्ध अपराध कर रही हैं क्योंकि वे रक्षाहीन नागरिकों का अंधाधुंध नरसंहार करती हैं और जानबूझकर उन्हें भोजन, पानी, आश्रय और चिकित्सा देखभाल से वंचित करती हैं।
काकर ने कहा, "फॉस्फोरस बमों का उपयोग और परमाणु विनाश की धमकियां कब्जे वाले लोगों के खिलाफ दी जा रही हैं, जिन्हें जबरन उनकी जमीन से बेदखल किया जा रहा है।"
शुक्रवार को अंतरिम प्रधानमंत्री ने युद्ध के परिणामस्वरूप गाजा में आपातकालीन स्थिति को संबोधित करने के लिए बुलाए जा रहे इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के असाधारण शिखर सम्मेलन के मौके पर रियाद में फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मुलाकात की थी।
प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा गया, ''काकर और राष्ट्रपति अब्बास ने गाजा में गंभीर स्थिति पर अपनी चिंता व्यक्त की है। जिसमें इजरायल को युद्धविराम पर सहमत होने और बमबारी बंद करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है, जिसके कारण निर्दोष फिलिस्तीनियों को अपने घरों से भागना पड़ा है।"
पाकिस्तान के अंदर भी भावनाएं उबल रही हैं क्योंकि विभिन्न संगठनों और धार्मिक दलों ने देश भर में फिलिस्तीन समर्थक विरोध रैलियां आयोजित की हैं।
हजारों लोगों ने रैलियों में भाग लिया और इजरायली आक्रामकता के खिलाफ अपना गुस्सा व्यक्त किया और फिलिस्तीनियों एवं उनके जीवन, सह-अस्तित्व और आत्मनिर्णय के अधिकार का समर्थन किया।
हमास, एक संगठन जिसे इज़रायल, अमेरिका, यूरोपीय संघ (ईयू) और अन्य पश्चिमी राज्यों द्वारा एक आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है, पाकिस्तानियों के लिए एक "प्रतिरोध बल" है, जो कहते हैं कि वे इजरायली आक्रामकता के खिलाफ लड़ रहे हैं।
धार्मिक संगठनों द्वारा कराची, लाहौर और इस्लामाबाद में बड़े पैमाने पर रैलियां निकाली गई हैं, जो मुस्लिम दुनिया से इजरायल के खिलाफ फिलिस्तीनियों के साथ आने और शामिल होने का आह्वान कर रहे हैं।
जमीयत-उलेमा इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के मौलाना फजल-उर-रहमान ने कहा, ''इजरायल इस पर दशकों से काम कर रहा है। वे फ़िलिस्तीनियों को ख़त्म कर उनकी ज़मीन पर कब्ज़ा करना चाहते हैं। गाजा दशकों तक पिंजरे में बंद खुली जेल थी।
और आज, इज़रायल ने 10,000 से अधिक निर्दोष नागरिकों को मार डाला है, जिनमें अधिकांश छोटे बच्चे हैं। कोई भी मुसलमान नरसंहार को कैसे देख सकता है और उससे कैसे कतरा सकता है? हम बहादुर फिलिस्तीनियों के साथ खड़े हैं और अपने देश से इजरायल के खिलाफ युद्ध की घोषणा करने की मांग करते हैं।''
यह भी देखा गया है कि ग्लोबल आतंकी लिस्ट में वांछित हमास नेताओं ने वीडियो लिंक के माध्यम से पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर रैलियों को संबोधित किया है, जबकि हमास नेता इस्माइल हानियेह के विशेष रिकॉर्ड किए गए वीडियो संदेश भी देश भर में सार्वजनिक रैलियों में चलाए गए हैं।
जेयूआई-एफ प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने तो एक कदम आगे बढ़कर कहा है कि अगर पाकिस्तानी सरकार इजरायल के खिलाफ "जिहाद" की घोषणा करती है, तो उनकी पार्टी के अधिकांश समर्थक तैयार हैं।
उन्होंने कहा, ''मेरी पार्टी और पाकिस्तान के लोग बड़े पैमाने पर फिलिस्तीन के लोगों के साथ जिहाद के लिए तैयार हैं। जब तक फ़िलिस्तीन को आज़ादी नहीं मिल जाती, पाकिस्तानी लोग और हमारे कार्यकर्ता उनके साथ खड़े हैं।''
पाकिस्तान में फ़िलिस्तीन के समर्थन और गाजा एवं वेस्ट बैंक में इज़रायल के चल रहे हमले का आक्रामक रूप से विरोध करने की भावनाएं निश्चित रूप से चरम पर हैं। 7 अक्टूबर से, पाकिस्तान में हर शुक्रवार को फिलिस्तीन और गाजा के लिए एक विशेष प्रार्थना दिवस के रूप में मनाया जा रहा है, जबकि देश के विभिन्न हिस्सों में लगभग हर दिन फिलिस्तीन समर्थक रैलियां निकाली जा रही हैं।
--आईएएनएस
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