iGrain India - कमजोर मांग से चीनी के दाम में नरमी का सिलसिला जारी
नई दिल्ली। त्यौहारी सीजन की समाप्ति के बाद से ही चीनी के दाम में रुक-रूककर नरमी का सिलसिला चल रहा है क्योंकि इसकी मांग कमजोर पड़ गई है।
कोटा
नवम्बर की भांति सरकार ने दिसम्बर के लिए भी 22 लाख टन चीनी का फ्री से कोटा जारी किया है जो कमजोर औद्योगिक मांग को देखते हुए पर्याप्त साबित हो सकता है। वैसे लग्नसरा एवं मांगलिक उत्सवों का सीजन अभी जारी है लेकिन 23 से 29 नवम्बर वाले सप्ताह के दौरान मिलों को चीनी की बिक्री बढ़ाने के लिए विवश होना पड़ा ताकि नियत कोटे को पूरा किया जा सके।
मिल डिलीवरी भाव
समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान चीनी का मिल डिलीवरी भाव पूर्वी उत्तर प्रदेश में 48 रुपए प्रति क्विंटल, पंजाब में 31 रुपए तथा मध्य प्रदेश में 10 रुपए प्रति क्विंटल नरम रहा जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 10 रुपए सुधर गया। गुजरात में चीनी के मिल डिलीवरी भाव से 15 से 80 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई।
हाजिर भाव
इसी तरह चीनी का हाजिर बाजार मूल्य दिल्ली में 40 रुपए घटकर 3980/4120 रुपए प्रति क्विंटल तथा इंदौर में 50 रुपए घटकर 3825/3920 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया। रायपुर तथा मुम्बई (वाशी) में चीनी का हाजिर भाव पिछले स्तर पर ही स्थिर रहा मगर कोलकाता में 40 से 70 रुपए तक घटकर 3950/ 4030 रुपए प्रति क्विंटल रह गया। महाराष्ट्र में चीनी के नाकापोर्ट डिलीवरी मूल्य में भी कोई बदलाव नहीं हुआ और यह 3570/3770 रुपए प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर बरकरार रहा।
टेंडर
चीनी का टेंडर मूल्य महाराष्ट्र में 25 से 55 रुपए तक गिरकर 3375/3535 रुपए प्रति क्विंटल पर अटक गया मगर कर्नाटक में बढ़कर 3400/3560 रुपए प्रति क्विंटल हो गया।
गन्ना क्रशिंग (उत्पादन)
महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश एवं कर्नाटक जैसे शीर्ष उत्पादक राज्यों के साथ-साथ अन्य प्रांतों में भी गन्ना की क्रशिंग एवं चीनी के उत्पादन का अभियान आरंभ हो चुका है। चीनी के व्यापारिक निर्यात पर प्रतिबंध लगा हुआ है और मिलर्स को केवल खुले (घरेलू) बाजार में ही अपना उत्पाद बेचने के लिए विवश होना पड़ रहा है जबकि वहां इसकी मांग कमजोर चल रही है। गुड़, खांडसारी का बढ़ता उत्पादन एवं उपयोग भी खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में चीनी की मांग और खपत को आंशिक रूप से प्रभावित कर रहा है। निकट भविष्य में चीनी के घरेलू बाजार मूल्य में जोरदार उछाल आने की संभावना नहीं है।