पटना, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता और तेलंगाना के नए मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के बिहार के डीएनए पर दिए गए बयान को भाजपा अब मुद्दा बनाकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार को घेरने में जुट गई है। इस बयान को लेकर नीतीश और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने चुप्पी साध ली है। भाजपा अब इन नेताओं से जवाब मांग रही है।भाजपा के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को सड़कों पर उतरकर तेलंगाना के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान कांग्रेस सहित तेलंगाना के मुख्यमंत्री के विरोध में नारे लगाए और पुतला फूंका।
दरअसल, तेलंगाना के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता रेवंत रेड्डी ने बिहार के डीएनए और विशेषकर 'लव कुश' समाज पर एक विवादास्पद टिप्पणी की थी। भाजपा अब इस बयान को लेकर आक्रोश जता रही है। भाजपा के एक नेता नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर बताते हैं कि भाजपा इस बयान को अगले चुनाव में भी मुद्दा बनाएगी।
कहा जा रहा है कि लव कुश (कुर्मी, कोइरी) वोटबैंक के जरिए ही नीतीश बिहार की सत्ता तक पहुंचे थे। ऐसे में इस समीकरण के मतदाताओं का भड़कना जदयू के लिए घाटे का सौदा हो सकता है। बिहार में कांग्रेस न केवल सत्तारूढ़ महागठबंधन में शामिल है, बल्कि इंडिया गठबंधन में भी कांग्रेस, राजद और जदयू शामिल हैं।
भाजपा विधानमंडल दल के नेता विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव मौन क्यों हैं, उन्हें जबाब देना चाहिए।
सिन्हा ने कहा कि कांग्रेस के शीर्ष नेता से लेकर निचले स्तर के नेता दिन रात प्रधानमंत्री को गाली देते हैं। फिर सनातन धर्म और बिहारियों को गाली दिलवाते हैं। पिछले 9 वर्षों से कांग्रेस और गठबंधन के लोगों का गाली वाला अभियान लगातार चल रहा है। बिहारियों और सनातन धर्म को गाली दिलवाकर कांग्रेस गठबंधन क्या सिद्ध करना चाहती है?
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